
बिलासपुर. डॉ. सी वी रमन विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी अरविंद तिवारी ने दूरस्थ शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर गुणवत्ता वृद्धि के विषय पर शोध किया है। यह शोध कार्य तिवारी ने सन् 2016 में प्रारंभ किया था, जो शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग का प्रारंभिक काल था। उस दौरान इसकी स्वीकार्यता तथा वैधानिकता पर बहस जारी थी परंतु कोविड-19 के दौर में इसकी स्वीकार्यता बढ़ी और इसे वैधानिकता भी प्रदान की गई। इस शोध कार्य में पाया गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी का गुणवत्तापूर्ण उपयोग करना आवश्यक है। शिक्षकों का ऑनलाइन कक्षा में व्यवहार भी विद्यार्थियों को सीधे प्रभावित करता है। इसके साथ ही विद्यार्थियों के अन्य सहायक सेवाओं और प्रशासनिक कार्यों जैसे प्रवेश शुल्क जमा करना, विभिन्न प्रकार की समस्याओं से संबंधित पत्र व्यवहार, पाठ्य सामग्री प्राप्त करना, परीक्षा फार्म भरना, परीक्षा देना, परीक्षा परिणाम की जानकारी तथा अन्य सूचनाएं ऑनलाइन प्राप्त करना, उन सभी में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाकर विद्यार्थियों को अधिकाधिक संतुष्ट किया जा सकता है। शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षण की भी आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरपी दुबे ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों व स्टाफ के प्रशिक्षण क बाद पूर्णतः ऑनलाइन विश्वविद्यालय बन चुका है। कोविड-19 के दौरान यह विद्यार्थियों की पहली पसंद बना हुआ है। कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि यह शोध वर्तमान में प्रासंगिक है। अभी तक शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता एवं छात्रों की संतुष्टि के संदर्भ में कोई अध्ययन नहीं किया गया था। इस अध्ययन से जो तथ्य सामने आए और प्रस्तुत किये गये हैं, वे बहुत महत्वपूर्ण है और विश्वविद्यालय इस दिशा में कार्य करेगा।