बिलासपुर। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय की प्राकृतिक संसाधन अध्ययनशाला के अंतर्गत फार्मेसी विभाग में नेत्र रोगों के उपचार हेतु नवीनतम शोध किया जा रहा है। इसका एक नया सूत्रीकरण (फार्मुलेशन) विकसित किया गया है। शोध छात्र मोहन पी इस विषय पर शोध कर रहे हैं। उनके शोध निर्देशक डॉ. के. केशवन, सहायक प्राध्यापक, फार्मेसी हैं।

उक्त शोध में नेत्र संबंधी विभिन्न समस्याओं के उचित निदान हेतु कुछ नया सूक्ष्म डिलिवरी सिस्टम विकसित करने का प्रयास किया गया। यह सिस्टम अपने में निहित दवा को आंखों में लम्बे समय तक बनाये रखता है। इससे नेत्र संबंधी विभिन्न समस्याओं जैसे ग्लूकोमा और केराटिटिस के उपचार में बार-बार दवाई देने की जरूरत नही पड़ती। विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों को इसका फायदा मिलेगा। आने वाले समय में इस फार्मुलेशन का प्रयोग खरगोश की आंखों पर किया जाएगा। इसमें आशानुरूप सफलता की संभावना है। अभी हाल ही में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय एवं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में इस शोध को प्रस्तुत किया गया, जिसकी सभी ने सराहना की।

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