बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आरक्षण संशोधन अधिनियम को चुनौती देते हुए लगाई गई याचिकाओँ पर सुनवाई तब अगले महीने के लिये टाल दी गई। राज्य शासन की ओर से बताया गया है कि इस संबंध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है।
आरक्षण संशोधन अधिनियम के राज्य सरकार के प्रावधानों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 18 अलग-अलग याचिकायें दायर की गई हैं। कुछ याचिकाकर्ताओं ने पिछड़े वर्ग के लिये किये गये 14 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती दी है, अनुसूचित जाति के आरक्षण को घटाकर 16 से 12 प्रतिशत करने तथा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 20 से 32 प्रतिशत तक बढ़ा देने को भी चुनौती इन याचिकाओं में दी गई है। इसके अलावा आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिये जाने पर भी याचिका लगाई गई है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता की ओर से बताया गया कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई लंबित है। इस पर कोर्ट ने आगे की सुनवाई को अक्टूबर तक के लिये टाल दी और सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के संबंध में शासन से विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने कहा है।