दंतेवाड़ा। SDM दफ्तर की रेकी करने पहुंचा 5 लाख का इनामी नक्सली बुधरा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। SDM दफ्तर के बाहर पुलिस के प्रपंच में टेटम के सरपंच पकड़े गए। पुलिस ने उनसे लंबी पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि टेटम के सरपंच ने कई गंभीर राज उगले हैं। घटना के बाद से ही SDM की सुरक्षा बढा दी गई है। दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक डाॅ. अभिषेक पल्लव ने यह जानकारी दी। घटना के बाद से सुरक्षा एजेंसियां और भी चौकन्नी हो गई हैं।
पूछताछ के बाद सरपंच को छोड़़
पुलिस ने सरपंच से पूछताछ करने के बाद उसको छोड़ दिया है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरपंच ने कई अहम राज उगले हैं। उनका सुरक्षा कारणों से खुलासा नहीं किया जा सकता है। टेटम सरपंच को छोड़ने के पीछे पुलिस की वेट एंड वाॅच की रणनीति भी हो सकती है।
अनुविभागीय अधिकारी की बढ़ाई गई सुरक्षा
घटना के बाद से ही अनुविभागीय अधिकारी की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। इसके साथ ही साथ कलेक्टोरेट की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है। कलेक्टोरेट परिसर में जवानों की संख्या में भी ईजाफा कर दिया गया है। हालांकि इस बात के इनपुट पहले से ही सुरक्षाबलों के पास थे। उसी के आधार पर ये घेराबंदी भी की गई थी। जहां से बुधरा घेरा तोड़कर फरार होने में कामयाब हो गया।
कैसे लगी सुरक्षाबलों को भनक
दरअसल दंतेवाड़ा पुलिस ने कई मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाए थे। उन्हीं पर हुई बातचीत जब इंटरसेप्ट की गई तो इस बात का खुलासा हुआ, कि इस बार नक्सलियों के निशाने पर कुछ बड़े अफसर हैं। उसी के आधार पर ये कार्रवाई की गई। हालांकि ईनामी नक्सली बुधरा पुलिस का घेरा तोड़कर फरार होने में कामयाब हो गया। इसके बाद ही उसके शिकंजे में फंसे टेटम के सरपंच।
कलेक्टर मेनन को छोड़कर किसी बड़े अधिकारी को नहीं बनाया निशाना
नक्सलियों की रणनीति इस मामले में काफी स्पष्ट रही। 2011 में सुकमा में हुए कलेक्टर अलेक्स पाॅल मेनन को अगर छोड़ दे, तो किसी और पर नक्सलियों ने हमला नहीं किया। प्रशासनिक अधिकारी निर्भीक होकर धुर नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में जाते रहे। आज भी उनका आना -जाना लगा ही रहता है। इस पर कोई कुछ भी कार्रवाई नहीं करता।
नक्सलगढ़ पहुंचे बस्तर आईजी, जवानों से की मुलाकात
बस्तर आईजी सुंदरराज पी दीपावली से ठीक पहले अति दुर्गम नक्सली इलाके पामेड़ में तैनात जवानों से मिलने पहुंचे। उनके साथ बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप भी हैं। पामेड़ बीजापुर का पुलिस थाना है पर यह इलाका इतना मुश्किल है कि वहां तक जाने के लिए तेलंगाना से होकर दुगनी दूरी तय करनी पड़ती है। बीजापुर पुलिस पामेड़ के चिंतावागु नदी पर पुल बनाने के लिए कैंप बना रही है। यह पुल बना तो बीजापुर जिले का पामेड़ से सीधा संपर्क हो जाएगा।