बिलासपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मानसिकता रखने वाले व्यक्ति को कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ का महाधिवक्ता बना दिया है। यह संवैधानिक संकट से कहीं ज्यादा सैद्धांतिक संकट का विषय है। पत्र के साथ फेसबुक पोस्ट के कई स्क्रीन शॉट हैं, जिनको लेकर उनका दावा है कि यह नये महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के एकाउन्ट से है।

अमित जोगी ने भारत के एटर्नी जनरल को भी इस आशय का पत्र भेजा है। जकांछ नेता जोगी ने कहा कि वर्मा की नियुक्ति के दो ही मायने निकाले जा सकते हैं। या तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही उनका अचानक हृदय-परिवर्तन हो गया या फिर देश में भाजपा की सरकार बनते ही इंडियन नेशनल कांग्रेस का इतना भयानक सैद्धांतिक-परिवर्तन हो गया है कि अब वो गांधी के पुजारी को अपमानित करके उनके हत्यारे गोडसे के प्रशंसकों को प्रदेश का सर्वोच्च न्याय अधिकारी बनाकर पुरस्कृत करने लगी है। अमित जोगी ने कहा कि राहुल गांधी सीधे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से स्पष्टीकरण मांगें और उस स्पष्टीकरण को तत्काल सार्वजनिक करें ताकि प्रदेश की जनता आश्वस्त हो सके कि छत्तीसगढ़ में गोडसे का नहीं बल्कि गांधी का राज है। अमित जोगी ने महाधिवक्ता मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की सोशल मीडिया पर बयानबाजी को भी केवल दिखावा बताया है, क्योंकि उन्हीं की विचारधारा के कट्टरपंथी को भूपेश ने महाधिवक्ता बना दिया है।

अमित जोगी ने अपने पत्र के साथ जो स्क्रीन शॉट भेजे हैं, उनमें दिखाई दे रहा है कि ये सतीश चंद्र वर्मा नाम से बनाया गया फेसबुक पेज है। हालांकि आज की तिथि में यह पेज सर्च करने पर फेसबुक पर उपलब्ध नहीं है। कुल 17 स्क्रीन शॉट डाले गये हैं, जिनमें  कांग्रेस व नेहरू परिवार व राहुल गांधी के प्रति कट्टर विरोध दर्शाया गया हैं। अनेक पोस्ट्स आपत्तिजनक भी हैं।  अधिकांश पोस्ट दूसरे के पोस्ट्स से शेयर किये गए दिखाई दे रहे हैं। राहुल गांधी को लिखे गये पत्र में अमित जोगी ने बताया है कि इन शेयर पोस्ट का समर्थन करते हुए टिप्पणियां भी हैं, जो कांग्रेस के विरोध और आरएसएस तथा कुछ कट्टर हिन्दुत्ववादी संगठनों के समर्थन में हैं।

अमित जोगी ने पत्र में बताया है कि ये पोस्ट्स अगस्त 2014 से अगस्त 2018 तक यानि विधानसभा चुनाव के मात्र तीन माह पहले तक डाले गये हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के नेता आज भी अपने “प्यार में विचार” के लिए तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निडरता के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं, उनके द्वारा चयनित मुख्यमंत्री ने एक ऐसे व्यक्ति को अपनी सरकार का मुख्य न्यायिक अधिकारी नियुक्त कर दिया है जिसकी स्वयं की विचारधारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभी मौलिक सिद्धांतों के ठीक विपरीत है।

 

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