पटना। राजनीतिक तूफानों से भरे बिहार के चुनावी आसमान में आज एक नया विवाद सामने आ गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका एक AI-जनरेटेड वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी के बीच कथित संवाद को दिखाता है, जिसमें मां बेटे को कड़े सवालों से घेरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) की ओर से जारी किया गया है, जो NDA सरकार पर ‘वोट चोरी’ के आरोपों को उजागर करने का दावा करता है। लेकिन यह कदम उल्टा पड़ गया है, क्योंकि भाजपा ने इसे ‘मातृत्व का अपमान’ बताते हुए तीखी निंदा की है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
I don't understand the agitation by the BJP and right wing ecosystem on the AI video featuring Modi and his deceased mother.
Mr Modi chose to make this election about his mother. He looked at some abuses from fringe elements as a political opportunity. No self respecting son… pic.twitter.com/l7KLtYS2Qa
— True Indian (@SpaceTechUs) September 12, 2025
वीडियो किसने डाला और इसमें क्या है?
यह विवादास्पद वीडियो बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आधिकारिक X हैंडल (@INCBihar) से 10 सितंबर को पोस्ट किया गया था। वीडियो में एक सपने जैसा दृश्य दिखाया गया है, जहां प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां से बात कर रहे हैं। AI तकनीक से बने इस क्लिप में हीराबेन मोदी (जो 2022 में दिवंगत चुकी हैं) बेटे को नसीहत देती हुई नजर आ रही हैं। संवाद का सार कुछ इस प्रकार है:
- मां: “नरेंद्र, तूने बिहार के वोट चुरा लिए? मेरी आह तुझे लगेगी?”
- मोदी: “मां, मैं तो विकास ला रहा हूं।”
- मां: “विकास का बहाना मत बना। अपनी मां का नाम वोट के लिए मत इस्तेमाल कर। बिहार के लोगों का मत चुराना बंद कर।”
वीडियो करीब दो मिनट लंबा है, जिसमें मां बेटे को ‘वोट अधिकार यात्रा’ के संदर्भ में चुनावी धांधली, बेरोजगारी और गरीबी पर ताने मारती हैं। कांग्रेस का दावा है कि यह ‘राजनीतिक व्यंग्य’ है, जो PM के भाषणों पर आधारित है। लेकिन वीडियो तेजी से वायरल हो गया, लाखों व्यूज बटोरते हुए, और अब यह राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है।
भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया: ‘सीमाएं पार कीं कांग्रेस ने’
वीडियो वायरल होते ही भाजपा ने इसे ‘नई ऊंचाई’ (stooping to new lows) बताते हुए हमला बोला। केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा, “राहुल गांधी ने अपनी मां का सम्मान न करने वाला रवैया दिखाया है, तो दूसरों की मां का कैसे करेंगे? यह AI वीडियो कानूनी कार्रवाई का हकदार है।” बिहार के केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने इसे ‘घोर आपत्तिजनक’ करार दिया, जबकि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने चेतावनी दी, “बिहार की जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी।”
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को ‘गालीबाजों की पार्टी’ कहा और राहुल गांधी को सीधे निशाना बनाया। पार्टी का कहना है कि यह वीडियो मां-बेटे के पवित्र रिश्ते को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश है, जो अस्वीकार्य है। कई भाजपा समर्थकों ने सोशल मीडिया पर #BoycottCongress ट्रेंड चलाया, जिसमें वीडियो को डीप फेक का दुरुपयोग’ बताया गया।
वीडियो का संदर्भ: वोट अधिकार यात्रा
यह वीडियो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ठीक पहले जारी किया गया, जब राजनीतिक तापमान चरम पर है। संदर्भ है हाल की ‘वोट अधिकार यात्रा’ (Voter Rights Yatra) से जुड़ा। विपक्षी महागठबंधन (कांग्रेस-RJD) ने आरोप लगाया कि बिहार में वोटर लिस्ट में धांधली हो रही है, जिससे लाखों लोगों की वोट चोरी की जा रहा है। PM मोदी ने हाल के रैलियों में अपनी मां का जिक्र करते हुए कहा था, “मां की आह वोट चोरी करने वालों को लगेगी।” इसी पर कांग्रेस ने पलटवार किया।
लेकिन असली आग का सबब था INDI अलायंस की एक रैली में PM की मां को गाली देने वाला बयान। यात्रा के बाद मंच से एक वक्ता ने हीराबेन को ‘चोरनी’ जैसे शब्दों से नवाजा, जिस पर भाजपा ने भारी विरोध जताया। कांग्रेस और आरजेडी की सफाई यह है कि यह घटना उनके मंच से आगे बढ़ जाने के बाद हुई। जिस व्यक्ति ने गाली दी वह भाजपा के ही अल्पसंख्यक मोर्चे से कभी जुड़ा रहा था।
क्या भाजपा जवाबी हमला करेगी?
भाजपा ने अभी तक कोई जवाबी AI वीडियो जारी नहीं किया, लेकिन चेतावनी जरूर दी है। गिरीराज सिंह ने कहा, “अगर कांग्रेस ऐसा करेगी, तो हम भी तैयार हैं।” पार्टी का फोकस वोटरों की भावनाओं को जगाने पर है, और यह विवाद उन्हें भावनात्मक लाभ दे सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा कानूनी रास्ता अपनाएगी, जैसे IT एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराना। फिलहाल, कोई ठोस जवाबी कदम की घोषणा नहीं हुई है।
चुनावी जंग में AI का काला chapter
यह AI वीडियो न सिर्फ राजनीतिक नैतिकता पर सवाल उठाता है, बल्कि डीपफेक के दुरुपयोग की चेतावनी भी देता है। बिहार जैसे संवेदनशील राज्य में मां का अपमान वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है। कांग्रेस का यह दांव बैकफायर हो गया लगता है, जबकि भाजपा को इससे सहानुभूति का फायदा मिल सकता है। चुनावी मौसम में जहां मुद्दे विकास और रोजगार हैं, वहां व्यक्तिगत हमले नैतिकता की सीमाओं को लांघते नजर आ रहे हैं। क्या यह विवाद बिहार की जनता को एकजुट करेगा या और बांटेगा? आने वाले दिन ही बताएंगे।