सुप्रसिद्ध ह्रदयरोग विशेषज्ञ डॉ. बिमल छाजेड़ का लखीराम अग्रवाल सभागार में व्याख्यान
लखीराम स्मृति सभागार में आयोजित हृदय सुरक्षा सेवा शिविर में साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक डॉ. बिमल छाजेड़ ने ह्रदय रोग से मुक्ति संबंधी जानकारी देते हुए कहा कि यह शरीर हमने नहीं बनाया है इसलिए इसके साथ छेड़छाड़ करना उचित नहीं है। जिस प्रकार अनार के फल को काटकर बीज अलग करने के बाद उसकी पुनः कुदरती तरीके से पैंकिंग नहीं की जा सकती। उसी प्रकार मानव शरीर है, जिसकी संरचना अनार के फल से भी जटिल है।
अग्रवाल नवयुवक समिति की ओर से आज लखीराम अग्रवाल आडिटोरियम में निःशुल्क ह्रदय सुरक्षा सेवा शिविर का आयोजन किया गया। डॉ. छाजेड़ ने इस मौके पर अपना प्रेजेन्टेशन देते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान ने ह्रदय रोग पीड़ितों के उपचार का अस्थायी तरीका तो ढूंढ लिया है, पर इसे पूरी तरह खत्म करने की अब तक कोई दवा नहीं बनी है। अपनी दिनचर्या और खान-पान को बदलकर और बिना तेल का खाना खाकर हम हार्ट की बीमारी को रोक सकते हैं।
उन्होंने कहा कि डीन ओर्निश एक अमेरिकी डॉक्टर हैं जिन्होंने पहली बार यह सिद्ध किया कि हार्ट ब्लॉकेज को रिवर्स किया जा सकता है। मेडिकल साइंस के अनुसार हार्ट के ब्लॉकेज को ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन उन्होंने एक प्रयोग किया। उन्होंने 50 मरीज चुनें और सभी 50 मरीजों का ईसीजी कराया । इनमें से 25 मरीजों को दवाई देकर कहा गया कि वे जैसी जिंदगी जी रहे हैं वैसी जीते रहें। बाकी 25 मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ रोजाना एक्सरसाइज, बिना तेल का खाना लिए जीने को कहा। 1 साल भर बाद जब 50 मरीजों की ईसीजी दोबारा कराई गई तो 25 मरीज जिनको बिना तेल खाना और एक्सरसाइज के साथ जीवन जीने कहा गया था उनकी स्थिति दवाई वाले 25 मरीजों से बहुत बेहतर थी उनकी ब्लॉकेज में सुधार हो रहा था। इसके विपरीत 25 मरीज जो दवाइयों के साथ जिंदगी जी रहे थे, उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
डॉ छाजेड़ ने साओल साइंस एंड आर्ट ऑफ लिविंग चिकित्सा केंद्र के 71 वें ब्रांच के रूप में बिलासपुर में उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि साओल के 70 ब्रांचों की स्थापना दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, गाजियाबाद, रायपुर, लॉस एंजेलिस, बांग्लादेश समेत अन्य जगहों पर हो चुकी है।
इस शिविर का आयोजन अग्रवाल नवयुवक समिति के अध्यक्ष विकास निशानिया, सचिव अमित चौधरी और अन्य पदाधिकारियों ने किया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 10 करोड लोग ह्रदय रोग से पीडि़त हैं। इनकी संख्या अगले 10 वर्षों में 20 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। हृदय रोग चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान द्वारा बाईपास सर्जरी व एंजियोप्लास्टी ही सबसे महत्वपूर्ण उपचार माना जाता है। चिकित्सा पद्धति बहुत ही महंगी होने के बावजूद इससे उपचारित रोगी को 3 से 4 सालों में एंजाइना का दर्द होता है। साओल हार्ट सेंटर का उद्घाटन आज सुबह 11 बजे डॉ विमल छाजेड़ ने किया। यह खान-पान, व्यायाम और योग के जरिये ह्रदय रोग को दूर रखने में लोगों की मदद करेगा।
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