बिलासपुर। बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग सुविधा और जमीन के सीमांकन के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों पर हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने खुशी जाहिर की है। समिति का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा इन कार्यों में अनावश्यक देरी की जा रही थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद ये कार्य तेजी से हो सकेंगे।

नाइट लैंडिंग सुविधा में देरी

बिलासपुर एयरपोर्ट पर पिछले एक साल से नाइट लैंडिंग सुविधा इसलिए नहीं मिल पा रही थी क्योंकि विमानन विभाग के अधिकारी सैटेलाइट आधारित तकनीक का उपयोग करना चाहते थे। यह तकनीक भारत सरकार के डीजीसीए द्वारा सहयोगी तकनीक के रूप में तो स्वीकृत है, लेकिन नाइट लैंडिंग का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए डीवीओआर (DVOR) नामक पहले से स्वीकृत तकनीक की मशीन लगानी आवश्यक है।

1 जुलाई को हाईकोर्ट के निर्देश पर आयोजित बैठक में केंद्र सरकार ने साफ-साफ बता दिया कि जब तक स्वीकृत तकनीक का प्रयोग नहीं किया जाएगा, तब तक नाइट लैंडिंग का लाइसेंस मिलना संभव नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नियमों को बदलने की मांग में काफी समय लग सकता है, इसलिए स्वीकृत तकनीक के साथ ही आगे बढ़ना उचित है।

सेना की जमीन के सीमांकन में देरी

सेना के कब्जे वाली 287 एकड़ जमीन के हस्तांतरण के लिए पिछले तीन महीने से सीमांकन की कार्रवाई अटकी हुई थी। हाईकोर्ट ने अब स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 29 जुलाई से दो सप्ताह के भीतर भूमि सीमांकन की कार्रवाई बिल्हा एसडीओ और तहसीलदार को पूरी करनी है। इसके लिए सेना के जबलपुर ऑफिस से एक प्रतिनिधि भी उपस्थित रहना आवश्यक होगा।

समिति ने कहा कि एक बार यह 287 एकड़ जमीन एयरपोर्ट प्रबंधन को मिल जाएगी तो फिर 4C एयरपोर्ट बनाने के लिए डीपीआर बनाना और अन्य कार्य तेजी से शुरू होंगे। सबसे पहले रनवे की लंबाई 1500 मीटर से बढ़ाकर 2200 मीटर की जानी चाहिए, जिससे एयरबस और बोइंग जैसे विमान बिलासपुर पर उतर सकें।

अफसरशाही की आलोचना

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने अफसरशाही की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों से साफ निर्देश मिलने के बाद भी नाइट लैंडिंग का काम बिना वजह अटका हुआ है। समिति ने बताया कि केंद्र सरकार और डीजीसीए की ओर से स्पष्ट कर दिया गया था कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित तकनीक पर नाइट लैंडिंग की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके बावजूद, विमान विभाग के अधिकारी एक अप्रूव्ड तकनीक का उपयोग करने की बजाय नई तकनीक के लिए अनुमति मांगते रहे, जिससे यह कार्य लंबित है।

धरना जारी

समिति का महा धरना आज भी जारी रहा। ृ उपस्थित लोगों में महापौर रामशरण यादव, गोपी राव, राघवेंद्र सिंह, रवि बनर्जी, विजय वर्मा, बद्री यादव, मनोज श्रीवास, देवेंद्र सिंह ठाकुर, समीर अहमद, आशुतोष शर्मा, महेश दुबे टाटा, केशव गोरख, अकील अली, शाहबाज अली, राकेश शर्मा, मोहन जायसवाल, मनोज तिवारी, चंद्र प्रकाश जायसवाल, दीपक कश्यप, अनिल गुलहरे, मोहसिन अली और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

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