शोधार्थियों, प्रतियोगी परीक्षार्थियों लिए काफी सहायक

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने एवं छत्तीसगढ़ी जीवन शैली को भावी पीढ़ी को मूल रूप से अवगत करने के उद्देश्य से डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ी संजोही की स्थापना की गई है। यह एक ज्ञान केंद्र रूप मे कार्य करेगा। यह संजोही छत्तीसगढ़ी कला, संस्कृति एवं जीवन शैली के क्षेत्र में शोध करने वाले विद्यार्थियों एवं प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए सहायक होगा।

इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि वास्तव में आत्म निर्भर भारत की कल्पना ग्रामीण जीवन शैली की है, क्योंकि यहां के लोग आत्मनिर्भर हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ी ग्रामीण प्रौद्योगिकी की परंपरागत शैली को जीवंत रूप में प्रदर्शित करने का प्रयास छत्तीसगढ़ी संजोही में किया गया है। साथ ही रोजमर्रा के कार्यों में समाज की आत्म निर्भरता एवं उसकी कलात्मक अभिवक्ति को संजोही में प्रदर्शित किया गया है। छत्तीसगढ़ परिवेश में या गांव के परंपरागत खेलों की खेल साम्रगी, महिलाओं के श्रृंगार एवं परिधान, कला एवं जीवन शैली को यहां जीवंत रूप में दिखाया गया है।

शुक्ला ने बताया कि आवश्यकता की पूर्ति के लिए जो संसाधन बनाए गए वे कितने सार्थक और सीमित साधनों से तैयार किए जाते हैं, इस बात की जानकारी भी यहां दी जा रही है। छत्तीसगढ़ी संजोही को विद्यार्थियों ने बेहद पसंद किया है। आधुनिक लाइफ स्टाइल जीवन में जी रहे विद्यार्थी परंपरागत ज्ञान और सरल जीवन शैली में उपयोग से प्रभावित हैं। उनका मानना है कि आधुनिकता में हम उपयोगी और सरल जीवनयावन व्यवस्था को खो रहे हैं। यह परंपरागत ज्ञान की जानकारी हर युवा को होनी चाहिए।

शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ी संजोही में सभी सामानों का दुर्भल संकलन किया गया है। खेती, किसानी,खेल, खाद्य, संस्कारों के समय उपयोग होने वाली वस्तुएं, मान्यताओं के अनुसार सामान, धर्म, परंपरा, आवश्यकता, अनिवार्यता एवं जीवन शैली से जुड़ी सभी वस्तुओं का यहां दुर्लभ संकलन है।

छत्तीसगढ़ी संजोही के निदेशक एवं अकादमिक अधिष्ठाता डॉ. अरविंद तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ी संजोही विश्वविद्यालय में पिछले 5 साल से कार्य कर रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ी परंपरा ज्ञान, कला संस्कृति से युवा पीढ़ी को परिचित कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह भविष्य में प्रतियोगी परीक्षा के विद्यार्थियों एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्र में शोध करने वाले शोधार्थियों के लिए ज्ञान एवं स्त्रोत केंद्र होगा।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here