बिलासपुर। नॉन पावर सेक्टर और छोटे उद्योगों को कोयला नहीं देने के मुद्दे पर एसईसीएल मुख्यालय में हुए प्रदर्शन को लेकर प्रबंधन ने कहा है कि उन्हें आपूर्ति पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
एसईसीएल की ओर से कहा गया है कि नॉन पावर सेक्टर को भी कोयला प्रदान किया जा रहा है और इसमें किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है। इस सेक्टर की सकल आवश्यकता लगभग 25 से 30 एमटी प्रतिवर्ष है। इस वर्ष भी एसईसीएल ने वार्षिक आधार पर गत वर्ष से अधिक कोयला डिस्पैच किया है। कंपनी पिछले 3 सालों में 150 मिलियन से अधिक उत्पादन कर रही है। पावर सेक्टर को आपूर्ति भी गत वर्ष से लगभग 20 प्रतिशत अधिक की गई है। ग्रीष्म ऋतु के आगमन और कोरोना का प्रकोप कम होने के बीच औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है। इसके चलते देश में बिजली की मांग भी बढ़ी है। इसके चलते कोल इंडिया पूरे देश में क्रिटिकल पावर प्लांट्स को प्राथमिकता के आधार पर कोयला दे रही है।
ज्ञात हो कि एसईसीएल मुख्यालय में युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और इंटक के कोरबा व बिलासपुर के पदाधिकारियों ने दूसरे राज्यों को कोयला भेजने और प्रदेश के नॉन पावर सेक्टर तथा छोटे उद्योगों में कोयला सप्लाई बंद करने के खिलाफ घेराव कर दिया था। कार्यकर्ताओं ने एसईसीएल प्रबंधन और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। प्रबंधन ने मुख्य द्वार बंद कर दिया था जिसे पार कर लोग भीतर घुसने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें बड़ी मशक्कत से रोका। बाद में एसएससीएल के तकनीकी निदेशक के साथ आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल की चर्चा हुई। कोयला आपूर्ति के संबंध में दिए गए ज्ञापन पर प्रबंधन ने उचित निराकरण का आश्वासन दिया।