बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा को लेकर एक अहम बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में जिले के महत्वपूर्ण अस्पतालों, मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए, जिसमें चिकित्सा संस्थानों और वहां कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में सबसे पहले, सभी शासकीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और नर्सिंग कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड की अनिवार्यता पर जोर दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन की मदद ली जाएगी।

छोटे स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी/पीएचसी) में गार्ड की कमी को लेकर भी चर्चा हुई, और इसके समाधान के लिए जीवनदीप समिति या जिला प्रशासन से निजी सुरक्षागार्ड हेतु प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया।

रात्रि गश्त के दौरान पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नियमित पेट्रोलिंग करें और उपस्थित स्टाफ से खैरियत रिपोर्ट लें। इसके लिए सभी चिकित्सा संस्थानों में एक रजिस्टर संधारित करने का निर्देश भी दिया गया।

आपात स्थिति में त्वरित सहायता के लिए डायल 112 का उपयोग करने और सभी प्रमुख अधिकारियों के संपर्क नंबर चिकित्सा संस्थानों में प्रमुखता से प्रदर्शित करने की भी सलाह दी गई। इसके साथ ही, छात्रावासों और कॉलेज परिसरों में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई मामलों में सुरक्षा गार्डों की मिलीभगत से अपराध घटित होते हैं, इसलिए सभी संस्थानों में कार्यरत सुरक्षा गार्डों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से कराया जाए और केवल प्रमाणित एजेंसियों से ही गार्ड हायर किए जाएं।

इस बैठक में शहर के प्रमुख पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ जिले के प्रमुख चिकित्सक भी उपस्थित रहे। बैठक में लिए गए निर्णयों को जल्द से जल्द अमल में लाने के निर्देश दिए गए, ताकि शहर के सभी चिकित्सा संस्थान सुरक्षित रह सकें और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

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