कोरोना को हराने के लिए बिलासपुर के लोगों ने खुद को 14 घंटे तक अपने घर में कैद रखा
बिलासपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए देशव्यापी ‘जनता कर्फ्यू’ को साथ देने के लिए शहर के लोग अपने घरों से नहीं निकले। पहली बार शहर में ऐसा माहौल दिखाई दे रहा था जब पूरे दिन दूर-दूर तक सड़कें खाली थीं। पुलिस के जवान मास्क लगाये जगह-जगह चौकन्नी थी। इक्के-दुक्के आने-जाने वालों से उन्होंने पूछताछ की।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि लोग सामाजिक सम्पर्क से दूरी बनाकर रखें। इससे वायरस के फैलने की कड़ी को रोकने में मदद मिलनी है। छत्तीसगढ़ सहित देश के प्रायः सभी राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस आह्वान को समर्थन दिया, जिसमें उन्होंने 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक लोगों से घर पर ही रहने की अपील की थी। 14 घंटे तक लॉक आउट होने से संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है।
लॉक आउट के चलते आज डेयरी, मेडिकल, किराना और सब्जी की कुछ दुकानों को छोड़कर सब कुछ बंद था। मंदिर, गुरुद्वारे, गिरजाघर भी बंद रखे गये। रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले यात्रियों की मदद के लिए पुलिस की टीम तैनात थी। आने वाले यात्रियों का चेकअप वहां मौजूद चिकित्सकों की टीम ने किया। बसों सहित सभी तरह के सार्वजनिक यातायात बंद थे। लोग अपने निजी वाहनों से भी नहीं निकले हालांकि शाम होने के बाद कुछ लोगों ने अपने निजी वाहन में जरूरी खरीददारी करने के लिए बाजार का रुख किया।
रविवार के दिन कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहने वाले सदर बाजार में भरी दोपहरी में पूरी सड़क खाली थी। देवकीनंदन चौक से लेकर गोलबाजार तक पूरी सड़क दोपहर में ऐतिहासिक रूप से खाली रही। यही हाल गांधी चौक, नेहरू चौक, शास्त्री बाजार सहित सभी प्रमुख स्थानों का रहा।
शाम पांच बजे लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर लोगों ने अपने घरों के सामने से ढोलक, घंटियां, शंख, तालियां और थाली बजाकर कोरोना के बचाव में लगी पुलिस, सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग की टीम के प्रति आभार जताया और उनके जज्बे को सलामी दी।