खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपनी पूर्व प्रेमिका के पति को मारने के लिए होम थिएटर स्पीकर में 2 किलो विस्फोटक (आईईडी) छिपाकर पार्सल भेजा। इस सनसनीखेज साजिश का खुलासा पुलिस ने समय रहते कर लिया और सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अगस्त 2025 को गंडई थाना क्षेत्र के मानपुर निवासी अफसार खान के पास एक संदिग्ध पार्सल पहुंचा, जो बाहर से एक नए होम थिएटर स्पीकर जैसा दिख रहा था। पार्सल पर इंडिया पोस्ट का नकली लोगो और विस्तृत पता लिखा था। अफसार, जो पेशे से इलेक्ट्रीशियन हैं, को पार्सल का वजन असामान्य रूप से भारी और पावर पिन टूटा हुआ लगा। शक होने पर उन्होंने इसे खोला तो अंदर दो जिलेटिन छड़ें और तारों से जुड़ा डेटोनेटर मिला। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र को सील कर दिया और जांच शुरू की। तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि स्पीकर को बिजली से जोड़ते ही डेटोनेटर सक्रिय होकर विस्फोट कर देता, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।
मास्टरमाइंड और साजिश:
पुलिस जांच में मुख्य आरोपी विनय वर्मा (20 वर्ष), जो एक ITI छात्र है, ने इस साजिश को अंजाम दिया। विनय का अपनी पूर्व प्रेमिका के साथ स्कूल के समय से प्रेम संबंध था, लेकिन उसकी शादी 40 दिन पहले अफसार खान से हो गई थी। ब्रेकअप और शादी से नाराज विनय ने ऑनलाइन यूट्यूब ट्यूटोरियल देखकर आईईडी बनाना सीखा और अपने छह अन्य साथियों के साथ मिलकर इस खतरनाक साजिश को अंजाम दिया। उसकी गूगल सर्च हिस्ट्री में “पुलिस की गिरफ्त में आए बिना बम से किसी को कैसे मारा जाए” जैसे सर्च शामिल थे।
पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम हैं:
विनय वर्मा (मुख्य आरोपी, कुसमी, खैरागढ़)
परमेश्वर वर्मा (चीचा, दुर्ग)
गोपाल वर्मा (कुसमी, खैरागढ़)
घासीराम वर्मा (केसला, खैरागढ़)
दिलीप धीमर (मात्रा, दुर्ग)
गोपाल खेलवार (पथरिया, दुर्ग)
खिलेश वर्मा (बाजार अतरिया, खैरागढ़)
जांच में पता चला कि विस्फोटक सामग्री (जिलेटिन छड़ें) दुर्ग जिले की पत्थर खदानों से अवैध रूप से प्राप्त की गई थी। पुलिस ने छापेमारी में 60 जिलेटिन छड़ें और दो डेटोनेटर बरामद किए। परमेश्वर वर्मा ने विस्फोटक खरीदने के लिए 6,000 रुपये दिए, जबकि खिलेश ने नकली इंडिया पोस्ट लोगो तैयार किया।
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के पुलिस अधीक्षक लक्ष्य शर्मा ने बताया कि यह एक सुनियोजित हत्या की साजिश थी, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया। मामले में भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक अधिनियम, और आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर (क्रमांक 277/2025) दर्ज की गई है। पुलिस ने अवैध विस्फोटक आपूर्ति नेटवर्क का भी पर्दाफाश किया और आगे की जांच जारी है।
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर एक बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन यह घटना समाज में प्रेम और बदले की भावना से जुड़े खतरों पर सवाल उठाती है।
