नागपुर। महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाने वाला बयान देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) के प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव (2024) से ठीक पहले दो अज्ञात व्यक्तियों ने उनसे संपर्क किया और 288 सीटों में से 160 सीटें जिताने की “गारंटी” देने का दावा किया। पवार ने बताया कि ये मुलाकात दिल्ली में हुई थी, और दोनों व्यक्तियों ने उन्हें विश्वास दिलाने की कोशिश की कि वे किसी भी तरह से महाविकास आघाड़ी को इतना बड़ा बहुमत दिला सकते हैं।
पवार के मुताबिक, उन्हें यह प्रस्ताव अजीब भी लगा और शक भी हुआ, लेकिन उन्होंने फिर भी इन दोनों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलवाया ताकि वे अपनी बात सीधे रख सकें। “मैंने सोचा कि राहुल गांधी खुद सुन लें। मुलाकात हुई, उन्होंने अपनी बात कह दी, लेकिन राहुल गांधी और मैंने मिलकर तय किया कि इस रास्ते पर नहीं जाना है। यह हमारा तरीका नहीं है। हम जनता के बीच जाकर समर्थन हासिल करेंगे, यही सही रास्ता है,” पवार ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा।
“चुनाव आयोग से जवाब चाहिए, भाजपा से नहीं”
पवार ने इस मौके पर राहुल गांधी द्वारा हाल में संसद में पेश किए गए कथित ‘मतदान अनियमितताओं’ पर प्रेजेंटेशन की सराहना की और चुनाव आयोग की आलोचना की। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने संसद में शपथ ले ली है, इसलिए चुनाव आयोग द्वारा अलग से हलफनामा मांगना गलत है। अगर आयोग उनके आरोपों की गहराई से जांच करना चाहता है, तो करे—सच्चाई सामने आनी चाहिए। लेकिन आपत्ति चुनाव आयोग से है, तो जवाब भी चुनाव आयोग को ही देना चाहिए, भाजपा नेताओं को नहीं।”
उद्धव ठाकरे की सीट पर राजनीति पर तंज
दिल्ली में हाल ही में हुई इंडिया ब्लॉक बैठक का जिक्र करते हुए पवार ने उद्धव ठाकरे की सीट को लेकर उठ रही अटकलों को हंसी-मजाक में टाल दिया। उन्होंने कहा, “जैसे फिल्म देखने जाते हैं, तो पहली पंक्ति में नहीं बैठते, वैसे ही प्रेजेंटेशन में भी पीछे बैठना बेहतर होता है। मैं भी पीछे बैठा था। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, लेकिन दुर्भाग्य है कि इस पर भी राजनीति हो रही है।” दरअसल, प्रेजेंटेशन के दौरान ठाकरे पीछे की सीट पर बैठे थे।
फडणवीस का पलटवार – “विपक्ष झूठ बोलकर भाग जाता है”
पवार की टिप्पणी के कुछ घंटों बाद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन पर और राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अक्सर ईवीएम पर सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन शरद पवार का रुख पहले साफ था- वे कहते थे कि ईवीएम पर दोष लगाना गलत है। अब राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अचानक उनका रुख बदल गया है।”
फडणवीस ने कहा कि भारत में चुनाव पारदर्शी और स्वतंत्र होते हैं, और यदि विपक्ष के पास ठोस सबूत हैं तो उन्हें हलफनामा देने में हिचकना नहीं चाहिए। उन्होंने तंज कसा, “संसद में ली गई शपथ सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में मान्य नहीं होती। अगर वे झूठ बोलते पकड़े गए, तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। इसलिए ये लोग रोज़ आरोप लगाते हैं और फिर भाग जाते हैं।”
राजनीतिक हलचल जारी
पवार के इस दावे ने महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ा दी है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही इस बयान को अपने-अपने तरीके से पेश कर रहे हैं। पवार जहां इसे लोकतांत्रिक नैतिकता का उदाहरण बता रहे हैं, वहीं भाजपा इसे विपक्ष की “दोहरेपन” की मिसाल कह रही है।