बिलासपुर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का कहना है कि वे अब तक 10 चुनाव लड़ चुके हैं, अब आगे और नहीं लड़ना चाहते हैं। वे अब राज्यसभा का आनंद लेना चाहते हैं, जहां वे गोवा से लेकर कश्मीर तक की बात कर सकते हैं।
निजी कार्यक्रमों में शामिल होने शहर आए डॉ. महंत ने कहा कि लोकसभा या विधानसभा का प्रतिनिधि एक क्षेत्र तक सीमित होता है, जबकि राज्यसभा में पूरे देश के बारे में बात की जा सकती है।
डॉ महंत ने कहा कि उन्होंने 10 चुनाव लड़े हैं जिनमें पांच विधानसभा के हैं। चार बार चुनाव जीते, एक हारे। 5 बार लोकसभा चुनाव लड़े तीन बार जीते और दो बार हारे। एक बार दो हजार से हारे एक बार 11 हजार से। 11वां चुनाव उनकी पत्नी लड़ चुकी हैं।
इस पर हुए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्यसभा का सदस्य बनना राजनीतिक कैरियर की पराकाष्ठा है।
एक अन्य सवाल के जवाब में डॉ. महंत ने कहा विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित होने के पश्चात मैं प्रयास करते रहे हैं कि वे किसी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल न हों, फिर भी राजनीति करनी ही पड़ती है और यह मेरा जन्मसिद्ध अधिकार भी है।
उनका पद सभी विधायकों से ऊंचा-भगत
कल निजी कार्यक्रम में यहां पहुंचे प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से डॉ. महंत के बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई-क्या मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पार्टी की उपेक्षा के कारण वे ऐसा कह रहे हैं, भगत ने कहा कि वे सर्वोच्च पद पर हैं। विधानसभा के अध्यक्ष होने के नाते उन्ही के मार्गदर्शन और संरक्षण में हम सब काम करते हैं। उन्होंने कुछ सोच कर ही ऐसा कहा होगा।