बिलासपुर। कोरोना काल में सर्वाधिक मजदूरों को मनरेगा के अंतर्गत काम देने का रिकॉर्ड बनाने वाले बिलासपुर जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। ऐसे श्रमिकों का नाम मस्टर रोल पर चढ़ा कर राशि निकाल ली गई जो क्वारांटीन थे। प्राइवेट अस्पताल के कर्मचारियों को भी मजदूर बताया गया। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत सीईओ ने रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया है, सरपंच को पद से हटाने का आदेश दिया और सचिव को निलम्बित कर दिया है।

मामला तखतपुर ब्लॉक के जूनापारा का है। सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर गोस्वामी ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत पंचायत में हुए महात्मा गांधी नरेगा के काम में लगे मजदूरों की सूची निकाली। तब मालूम हुआ कि प्राइवेट अस्पताल के कर्मचारी, दूसरे प्रदेशों से लौटे क्वारांटीन हुए मजदूर और गांव से बाहर रहने वालों के नाम पर मस्टर रोल बनाया गया और राशि आहरित कर ली गई।

गोस्वामी ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत तखतपुर में की, जिसके बाद एक टीम ने जांच की। जांच के बाद शिकायत सही पाई गई। जिला पंचायत सीईओ के आदेश पर जूनापारा के रोजगार सहायक अयोध्या प्रसाद तिवारी को बर्खास्त कर दिया गया है और सरपंच गीता चतुर्वेदी को पद से हटाने का आदेश दिया गया है। पंचायत सचिव अयोध्या प्रसाद तिवारी को निलम्बित कर दिया गया है।

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