बिलासपुर। लॉकडाउन के कारण कोटा राजस्थान में फंसे कोचिंग करने गये बच्चों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ वापस लाया गया है। बिलासपुर में दुर्ग संभाग के बच्चों के रुकने की व्यवस्था की गई है। उनके साथ कुछ अभिभावक भी है। सभी बच्चों और उनके साथ आये कुछ अभिभावकों का आते ही कोरोना टेस्ट किया गया। सभी का रिजल्ट निगेटिव आया है। नियमानुसार उन्हें क्वारांटाइन पर भेज दिया गया है।
कोटा से 14 बसों में बारी बारी से पहुंचे छात्र-छात्राओं व उनके साथ आये कुछ अभिभावकों को सबसे पहले द जैन इंटरनेशनल स्कूल में पहुंचाया गया। यहां तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण किया और कोरोना जांच के लिए रैपिड टेस्ट किया गया। छात्र-छात्राओं के ठहरने की व्यवस्था शहर के चार स्कूलों के छात्रावासों में की गई है, जहां उन्हें 14 दिन के लिये क्वारांटाइन किया गया है। इसके बाद उन्हें उनके घरों में भेजा जायेगा।
कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने द जैन इंटरनेशनल स्कूल परिसर में चल रहे स्वास्थ्य परीक्षण और कोरोना जांच के लिए रैपिड टेस्ट का निरीक्षण किया। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने यहां उपस्थित चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ से चर्चा की। कलेक्टर ने सुरक्षा, सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं मे लगे हुए सभी कर्मचारियों से कहा कि वे मास्क लगाकर ही पहुंचे और अनिवार्य रूप से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। उन्होंने प्रत्येक परिसर को प्रतिदिन सैनेटाइज करने के लिए भी कहा। इस मौके पर सभी प्रशासनिक अधिकारी, ड्यूटी में लगाये गये अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
छात्राओं की संख्या करीब 175 है जिनके अलग रुकने की व्यवस्था की गई है। जो अधिकारी कर्मचारी इन बच्चों को लेने के लिए छत्तीसगढ़ से गये थे उन्हें भी कुछ दिन के लिये क्वारांटाइन पर रखा जायेगा।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा जिला प्रशासन द्वारा तय किये गये नोडल अधिकारी इन व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। विधायक शैलेष पांडेय ने भी वहां पहुंचकर इन छात्र-छात्राओं की जरूरतों को ध्यान में रखने के लिए उन्हें आवश्यक निर्देश दिये। छात्र-छात्राओं से भी चर्चा कर उन्होंने आश्वस्त किया कि इन 14 दिनों में उनका पूरा ख्याल रखा जायेगा।
इन छात्र-छात्राओं के लिए सभी कमरों में मास्क, सैनेटाइजर, डेटॉल, साबुन, डस्टबिन आदि आवश्यक वस्तुएं रखी गई हैं। हर सेंटर में बच्चों के लिए खान-पान की अतिरिक्त सामग्री के स्टाल लगाये जा रहे हैं जिसके लिये महिला स्व-सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी गई है।
इन स्थानों पर रोके जा रहे छात्र-छात्राओं के मनोरंजन के लिए इनडोर गेम शतरंज, कैरम, लूडो आदि की व्यवस्था की गई है, साथ ही योग व व्यायाम कराने के लिए व्यायाम शिक्षक भी तैनात किये गये हैं।
आदिवासी विकास विभाग व शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की यहां की व्यवस्था देखने के लिए ड्यूटी लगाई गई है, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए यहां पुरुष तथा महिला गार्ड की व्यवस्था भी की गई है।