तीन नाबालिग गिरफ्तार, चौथा पहले से ही हत्या के दूसरे मामले में जेल में बंद

बिलासपुर । अंधविश्वास के चलते चार लोगों ने मिलकर अपने ही दोस्त की फांसी में लटकाकर हत्या कर दी और शव को जमीन में गाड़ दिया। हत्या का खुलासा तीन साल बाद हुआ है। इस मामले में तीन नाबालिग हिरासत में लिए गए। चौथा बालिग आरोपी हत्या के ही दूसरे मामले में जेल में बंद है।
मस्तूरी थाने के मल्हार ग्राम से विकास प्रसाद केवर्त 12 नवंबर 2020 से लापता था। वह रात 9 बजे घर से निकला लेकिन लौटकर नहीं आया। कई दिन की खोजबीन के बाद जब बेटा वापस नहीं लौटा तो पिता ईश्वर ने मल्हार चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पिता अपने स्तर पर बेटे की तलाश करता रहा। तीन साल बाद अक्टूबर महीने में उसे पता चला कि बेटे की हत्या उसके ही दोस्तों ने कर दी है और लाश को कहीं पर छुपा दिया है। उसने इसकी जानकारी मल्हार पुलिस को दी। पुलिस ने संदेहियों से पूछताछ की तो उन्होंने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। मगर शव को दफनाने की जगह को तलाश करने में तीन माह लग गए। 8 जनवरी को ग्राम के रामजी पटेल के खेत की जेसीबी से खुदाई करके तीन साल बाद मृतक का कंकाल बाहर निकाल लिया गया। मृतक के कपड़े, कड़ा व बेल्ट से परिजनों ने उसकी पहचान कर ली। आरोपियों में एक अजय भैना हत्या के एक और मामले में पहले से ही जेल में बंद है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक तांत्रिक ने उनसे कहा था कि यदि किसी फांसी के फंदे को साथ में रखकर जुआ खेलने के लिए बैठोगे तो कभी हार नहीं होगी। इसलिये उन्होंने विकास को फांसी के फंदे पर लटकाया और गला घोटकर मार डाला। इसके बाद शव को तालाब के पास एक खेत में गड्ढा खोदकर दफना दिया। गड्ढा खोदने में इस्तेमाल किया गया गैती, फावड़ा जब्त किया गया है। पुलिस ने तीनों अपचारी बालकों को किशोर न्यायालय में पेश किया है। जेल में बंद आरोपी अजय भानू की विधिवत् गिरफ्तारी शेष है।

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