बिलासपुर। निजी समाचार चैनल के संपादक अर्णब गोस्वामी की वह याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दायर एफआईआर को अनुच्छेद 32 के तहत सुनने और मामला सीबीआई को सौंपने की मांग की थी। गोस्वामी को यह राहत जरूर मिली है कि उनके खिलाफ सिर्फ मुम्बई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर पर जांच होगी। उनके अग्रिम जमानत लेने के लिये तीन सप्ताह का और बढ़ाया गया है।
अर्णब गोस्वामी अपने विरुद्ध देशभर में हुए एफ आई आर को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहुंचे थे। गोस्वामी के विरुद्ध देशभर में धार्मिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचाने एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरुद्ध अप्रासंगिक एवं अपमानजनक बातों का उपयोग करने एवं समाज के वर्ग विशेष को ठेस पहुंचाने के आरोप में एफ आई आर गई थी। श्री गोस्वामी के विरुद्ध बिलासपुर सहित छत्तीसगढ़ के भी कई थानों में एफ आई आर दर्ज कर कर उन्हें नोटिस भी भेजा गया था। गोस्वामी द्वारा अपने विरुद्ध हुए सभी एफ आई आर रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना की गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह टिप्पणी करते हुए याचिका खारिज कर दी गई है कि किसी एक व्यक्ति के लिए विशेष नियम बनाकर भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता से परे जाते हुए कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। कांग्रेस प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला एवं प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष संदीप दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।