बिलासपुर। नगर निगम ने एक याचिका पर जवाब दिया कि उन्होंने गुमटियों को अन्यत्र जगह दे दी है और वहां लोग व्यवसाय भी कर रहे हैं, जबकि याचिकाकर्ता ने बताया कि ऐसा नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए सचिव नगरीय प्रशासन और नगर निगम बिलासपुर के आयुक्त को शपथ-पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के लिये कहा है।
सेटअप योजना के तहत छोटे व्यवसायियों को सिटी कोतवाली के सामने गुमटियां आवंटित की गई थीं। वर्ष 2016-17 में यातायात बाधित होने के कारण इन गुमटियों को हटाने के लिये नगर-निगम ने नोटिस दिया। गुमटियों के व्यवसायियों ने इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अन्यत्र जगह देने की मांग की। इस पर नगर निगम बिलासपुर ने कोर्ट में अंडरटेकिंग दी कि 3 दिन के भीतर सभी गुमटियों को शनिचरी बाजार क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जायेगा। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी।
कोर्ट में दी गई अंडरटेकिंग का पालन नहीं करने पर गुमटियों के व्यवसायियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यहां नगर निगम ने यह जानकारी दी कि सभी गुमटियों को शनिचरी बाजार के पास स्थित चौपाटी में शिफ्ट कर दिया गया है। इस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि किसी भी व्यवसायी को जमीन आवंटित नहीं की गई है। जिस जगह पर गुमटियों को शिफ्ट करने की बात कही जा रही है वह नजूल की जमीन है जिसे राज्य शासन ही आवंटित कर सकता है, नगर-निगम नहीं।
इसे गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय प्रशासन सचिव तथा नगर निगम आयुक्त को शपथ-पत्र के साथ जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी 2022 को रखी गई है।

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