रायपुर । पुलिस की हिरासत से बचने के लिए दायर छत्तीसगढ़ के निलंबित एडीजी जीपी सिंह की याचिका हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में भी खारिज हो गई है। अब उन्हें पुलिस या तो गिरफ्तार करेगी या फिर खुद ही उन्हें समर्पण करना होगा।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक और अपने विरुद्ध दायर राजद्रोह सहित अन्य मामलों की जांच पर स्थगन को लेकर दायर की गई याचिका निरस्त होने के बाद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। राज्य सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पैरवी के लिए खड़े हुए थे। प्रधान न्यायाधीश की बेंच ने सिंह की याचिका बिना सुने ही खारिज कर दी।
ज्ञात हो कि पहले भी प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा के समक्ष यह मामला आया था। तब उन्होंने कहा था कि उनको संरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने जीपी सिंह के रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा के ठिकानों पर जुलाई महीने में छापा मारा था और 15 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिलने का दावा किया था। उनके सरकारी बंगले से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे, जिसके बाद उनके विरुद्ध राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। भिलाई में एक व्यापारी ने भयादोहन कर वसूली करने की ईएफआईआर भी दर्ज कराई है।

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