बिलासपुर। एक सप्ताह पहले मुंगेली जिले में जिस पटवारी नागेंद्र मरावी का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था, एसीबी बिलासपुर की टीम ने उसे कल गिरफ्तार कर लिया। जिस व्यक्ति के हाथ में पैसा दिया गया था, उसे भी गिरफ्त में लिया गया है। पटवारी को एसडीएम ने सोमवार को सस्पेंड कर दिया था।
बोड़तरा गांव के किसान संतोष जायसवाल को अपनी किसान किताब बनवानी थी। इसके लिए उसने हल्का नंबर 26 के पटवारी नागेंद्र मरावी से संपर्क किया। पटवारी ने उससे इस काम के लिए 6000 रुपए मांगे। साथ ही यह कहा कि इसके बिना काम नहीं होगा। वीडियो में दिखा कि किसान ने उससे कहा कि अभी वह 3000 रुपए दे पाएगा, बाकी पैसे बाद में काम होने के बाद देगा। पटवारी यह बात मान गया और किसान ने 3 हजार निकालकर पटवारी के पास बैठे व्यक्ति को उसके कहने पर दे दिया। पटवारी ने इसे अपना भाई बताया।
वीडियो वायरल होने के बाद एसडीएम मेनका प्रधान ने उसे बीते सोमवार को सस्पेंड कर दिया था और कानूनगो शाखा लोरमी में अटैच किया था।
वायरल वीडियो की शिकायत ईओडब्ल्यू के निदेशक डीआईजी आरिफ शेख से रायपुर में की गई। घटना का सत्यापन करने के बाद पटवारी के विरुद्ध धारा 7 सी और 12 पीसी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया। इसके बाद बिलासपुर एसीबी पुलिस को प्रकरण भेजकर कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया। निरीक्षक अमृत सोरी के साथ एसीबी की टीम ने लोरमी के लछनपुर ग्राम में पहुंचकर आरोपी पटवारी नागेंद्र मरावी (33 वर्ष) और आशीष ध्रुव (26 वर्ष) को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया। आज दोनों आरोपियों को मुंगेली के विशेष न्यायालय में पेश किया गया।

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