बिलासपुर सहित 6 जिलों में अनूठा प्रयोगा, 10 माह में 1308 लोगों ने सेवा लेने के बाद दी प्रतिक्रिया, 13 हजार से ज्यादा लोगों ने कॉल किया

बिलासपुर। परिवार नियोजन में सम्मानजनक देखभाल और गर्भवती महिलाओं के सार्वभौमिक अधिकार तथा डाक्टरों और मरीज के बीच संवाद स्थापित कर परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता का प्रयास टोल फ्री 104 कर रहा है। 104 आरोग्य सेवा के साथ ही समुदाय स्तर पर परिवार स्वास्थ्य वाणी योजना की शुरूआत जून 2018 हुई । लगभग दस माह में ही टोल फ्री 104 के माध्यम से 6 जिलों के 1308 लोगों ने सेवा लेने के बाद अपना फीडबैक दर्ज कराया है।

परिवार स्वास्थ्य वाणी 104 ऐसा पहला प्रयोग है जिसके माध्यम से परिवार नियोजन की गुणवत्तापूर्ण सेवाएं लेने के लिए हितग्राही द्वारा अपने वांछित स्वास्थ्य केन्द्र में अग्रिम पंजीकरण कराया जा रहा है। ऐसा होने से निर्धारित से अधिक संख्या में सेवा लेने के लिए हितग्राहियों के आ जाने की स्थिति में होने वाली असुविधा से भी बचाव हो रहा है। सेवा के तहत फोन पर ही छत्तीसगढ़ी भाषा में कहानियों और पात्र संरचना द्वारा लोगों को परिवार नियोजन साधनों , नसबंदी और इनकी विधियों के बारे में जानकारी दी जाती है।

परिवार स्वास्थ्य वाणी 104 मेटर्नल एंड चाइल्ड सर्वाइवल प्रोग्राम के तहत जून 2018 से 15 अप्रैल 2019 तक कुल 13 हजार 660 लोगों ने कॉल किया हैI इनमें 1204 ने जानकारी चाही तथा 11,148 लोगों ने परिवार नियोजन की विधियां अपनाने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में अग्रिम पंजीयन कराया। यानि मोबाइल फोन के जरिए 104 डायल कर अब लोग परिवार स्वास्थ्य वाणी से जुड़कर परिवार नियोजन संबंधी संपूर्ण जानकारी  लेने लगे हैं।

राज्य के वरिष्ठ फैमिली प्लानिंग अधिकारी डॉ. अखिलेश त्रिपाठी का कहना है कि परिवार स्वास्थ्य वाणी सेवा के द्वारा हम उन समुदाय तक पहुंच बना पाने में सक्षम हुए हैं जो किसी कारणवश हमारी पहुंच से दूर थे। वे परिवार नियोजन साधन को अपनाना तो चाहते थे परंतु सेवा लेने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं पहुंच पाते थे। हालांकि उक्त सेवा से लाभ लोग ले तो रहे हैं पर अपना महत्वपूर्ण सुझाव या फीडबैक नहीं दे रहे। इसके लिए हमें व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही लोगों में जागरूकता लानी होगी। लोगों के फीडबैक के जरिए ही हम अपनी स्वास्थ्यगत सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि यूएसएआईडी की मदद से शिशु एवं मातृत्व मृत्यु को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उक्त कार्यक्रम  से भारत की परिवार नियोजन 2020 प्रतिबद्धता को पूरा करने में भी मदद मिलने लगी है।

प्रदेश के छह जिलों के लिए ही वर्तमान में उक्त सेवा शुरू की गई है। इनमें रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, जांजगीर-चांपा तथा धमतरी शामिल हैं। इसके तहत रायपुर के 7, बिलासपुर के 8, धमतरी के 4, जांजगीर-चांपा के 10, दुर्ग के 8 तथा राजनांदगांव के 7 स्वास्थ्य केन्द्रों ( जिला अस्पताल भी शामिल) में परिवार स्वास्थ्य वाणी 104 के तहत लोगों का पंजीयन कर परिवार नियोजन की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

सेन्टर फॅार केटलाईजिंग चेंज संस्था द्वारा संचालित परिवार स्वास्थ्य वाणी के तहत तीन सेवाएं उपलब्ध हैं। पहली परिवार नियोजन साधनों की जानकारी लेने की, दूसरी सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में प्रतिक्रिया देने की और तीसरी परिवार नियोजन सेवाओं के लिए अग्रिम नाम पंजीकृत कराने की सुविधा है ।

लोगों के सुझाव और प्रतिक्रिया के जरिए ही गुणवत्तापूर्ण सेवा जन-जन तक पहुंचाई जा सकती है। इसलिए परिवार स्वास्थ्य वाणी सेवा में लाभार्थियों से उनकी प्रतिक्रियाएं भी ली जाती हैं। ली गई प्रतिक्रियाओं लाभार्थियों के राय के दौरान उनका नाम और स्थान गुप्त रखा जाता है। संस्था के अधिकारियों के मुताबिक उक्त सेवा के जरिए 15,000 से ज्यादा लोगों की नसबंदी हुई है मगर उनमें से 1308 ने ही फीडबैक दिया है। लोगों में जानकारी का अभाव और झिझक होने की वजह से सेवा लेने के बाद ,इसकी गुणवत्ता सुधार के लिए लोग कम प्रतिक्रियाएं दर्ज करा रहे हैं।

 

 

 

 

 

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