श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। बाइसारन घाटी के सुरम्य मैदान में दोपहर करीब 3 बजे संदिग्ध आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 28 पर्यटकों की जान चली गई। कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,  सेना की वर्दी में दो हमलावर घने जंगल से निकलकर आए और पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।

बाजार में मची अफरा-तफरी
हमला लिद्दर नदी के पास एक भीड़भाड़ वाले बाजार में हुआ। गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। बच्चे चीख रहे थे, बुजुर्ग जमीन पर गिर पड़े, और पर्यटक जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। संकरी सड़कों के कारण एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को पहुंचने में देरी हुई। स्थानीय लोगों ने घायलों को कारों और अस्थायी स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

निर्दोषों का खून बहा
हमले में 8 साल के रुहान सहित कई निर्दोष मारे गए। उसकी मां, खून से लथपथ, अपने बेटे का हाथ थामे रोती रही। एक महिला पर्यटक ने बताया, “मेरे पति को सिर्फ इसलिए गोली मारी गई क्योंकि वह गैर-मुस्लिम थे। हमलावरों ने उनकी धार्मिक पहचान पूछी और फिर सिर में गोली मार दी।” कर्नाटक की पल्लवी राव ने बताया कि उनके पति मंजुनाथ राव अपने बेटे के लिए नाश्ता लेने गए थे, तभी गोलियां चलीं।

हाईकोर्ट जजों का काफिला बाल-बाल बचा
इस दौरान केरल हाई कोर्ट के तीन जज- जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन, जी. गिरीश, और पी. जी. अजिथकुमार- अपने परिवारों के साथ पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे। सौभाग्यवश, वे हमले से कुछ घंटे पहले, मंगलवार सुबह 9:30 बजे श्रीनगर के लिए रवाना हो गए। जस्टिस नरेंद्रन ने कहा, “हमने सोमवार को ही पर्यटन स्थल घूम लिया था। श्रीनगर में डल झील की सैर के लिए हम जल्दी निकल गए, जिससे हम सुरक्षित बच गए।”

सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और आतंकियों की तलाश में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बाइसारन के पहाड़ी इलाकों में तलाशी तेज कर दी है। अधिकारियों ने लक्षित हत्या की आशंका से इनकार नहीं किया। घायलों को हेलिकॉप्टर और स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।

नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की, जिन्होंने तुरंत उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “कायराना और निंदनीय” कृत्य बताया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा, “यह हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला है।” गृह मंत्री ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पर्यटकों में दहशत
कश्मीर में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के बीच यह हमला बड़ा झटका है। घायलों में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक शामिल हैं। स्थानीय अस्पतालों में 12 घायलों का इलाज चल रहा है, जिनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

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