कोटा सकरी मार्ग में रोड चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई…

 

न्यायालय के आदेश के 3 महीने बाद भी बाद आज तक कोटा सकरी मार्ग में कोई भी पेड लगाने की पहल नही की गई है। न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने पर याचिकाकर्ता शैलेश पाण्डेय ने ठेकेदार और शासन पर अवमानना का केस करने की बात कही है।

मालूम हो कि कोटा सकरी मार्ग में रोड चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के विरोध में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व कुलसचिव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में यचिका दायर की थी। साथ ही हजारों वृक्ष प्रेमियों के साथ सडक से लेकर न्यायालय तक की लडाई लडी, जिसमें उनकी जीत हुई। कोटा सकरी मार्ग में सरकार रोड बनाने और रोड चौड़ीकरण मे करीब 4000 पेड़ों कि बलि देने वाली थी। सरकार पहले 18 मीटर चौडी सडक बनाने वाली थी, जिसके लिए ठेकेदार को 3896 पेड़ काटने का वर्क ऑर्डर दिया गया था। सरकार ठेकेदार के माध्यम से 1632 पेड काट चुकी थी जबकि प्रकरण न्यायालय मे लम्बित था। नए प्रस्तवाव में शासन ने कोर्ट को बताया कि 939 पेड और काटने हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शासन को ऐसा करने से रोका और केवल 274 पेड और काटने की अनुमति दी। वह भी इस शर्त में कि ठेकेदार जितने पेड काट रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा पेड यानि लगभग 20 हजार पेड़ लगाए और उसकी सुरक्षा और देखभाल करे।

लेकिन प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय और लोगों के विरोध और न्यायालय की दखल के बाद सरकार  केवल 14 मीटर की चौडी सडक बनाने का प्रस्ताव कोर्ट को दिया।

 

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