नवरात्रि पर जांजगीर-चांपा में थाईलैंड के विश्व प्रसिद्ध अरुणदेव मंदिर की तर्ज पर एक विशाल और भव्य दुर्गा पंडाल का निर्माण किया गया है। यहां 41 वर्षों से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है, और इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस वर्ष नवरात्रि महोत्सव में हर दिन हजारों श्रद्धालु इस भव्य पंडाल में मां दुर्गा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

इस साल, लगभग 160 फीट ऊंचे और 150 फीट चौड़े पंडाल का निर्माण किया गया है। इसे पश्चिम बंगाल के 40 कुशल कारीगरों ने तैयार किया है। पंडाल को पूरा करने में करीब दो महीने का समय लगा। इसमें 35 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे सोने, चांदी, हीरे और मोती से जड़े पत्थरों के आभूषणों से सजाया गया है।

प्रतिमा का निर्माण भाटगांव के कारीगरों द्वारा किया गया है। पंडाल के भीतर बुर्ज़ खलीफा की तरह आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की गई है, जो कोलकाता के प्रसिद्ध रियाज़ अहमद और उनकी टीम द्वारा लगाई गई है। पंडाल की लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 84 फीट है, जिसमें एक साथ 1500 से अधिक श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन कर सकते हैं।

स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंध
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए पंडाल के बाहर प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की टीम तैनात की गई है। एंबुलेंस सुविधा भी उपलब्ध है, ताकि आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है और वाहनों की पार्किंग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे यातायात बाधित न हो।

इस अद्वितीय और भव्य पंडाल ने न केवल श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि इसे देखने के लिए लोग विभिन्न जिलों और राज्यों से बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, जिससे नवरात्रि का उत्सव और भी भव्य बन गया है।

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