विधानसभा घेराव आंदोलन की सफलता पर कांग्रेस ने की पत्रकार वार्ता
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र और विधानसभा घेराव के संदर्भ में कांग्रेस ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि प्रदेश में आम लोगों की हत्या के बाद उनके शवों के पास पुलिस पुरानी बंदूकें रख रही है और उन्हें नक्सली बता रही है। यह मुद्दा 24 जुलाई को विधानसभा में भी उठाया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व अन्य नेताओं की मौजूदगी में रायपुर में कांग्रेस दफ्तर में चरणदास महंत ने कहा, “सदन में मैंने असलियत को सामने लाने की कोशिश की। बस्तर के थानों में पहले से जमा पुरानी बंदूकें हैं। इन बंदूकों को घटनास्थल पर ले जाकर मृतकों के पास रख दिया जाता है और उन्हें नक्सली घोषित कर दिया जाता है।” महंत ने यह भी कहा कि भरमार बंदूक का चलन देश में कब का समाप्त हो चुका है और नक्सली अब आधुनिक हथियारों का उपयोग करते हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या कभी इन बंदूकों की जांच कराई गई है और इनकी संख्या कितनी है?
महंत ने कहा, “सदन में हमने सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाई है।” भरमार बंदूक के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “हमारी सरकार के समय यूनिफाइड कमांड की बैठक में मैंने कहा था कि अगर भरमार बंदूक की जब्ती दिखाई जाएगी तो मैं मालखाने में जाकर गिनती करूंगा। इसके बाद से 5 साल तक भरमार बंदूक की जब्ती में गिरावट आई थी। लेकिन जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से इन बंदूकों को फिर से दिखाया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “दबाव में गिरफ्तारियां हो रही हैं और पुलिस पर कार्रवाई का दबाव डाला जा रहा है, जिससे गलतियां हो रही हैं। पुलिस को अपनी उपलब्धियां दिखानी हैं, इसलिए किसी को भी गिरफ्तार किया जा रहा है और एनकाउंटर किए जा रहे हैं।”
प्रेस वार्ता में शामिल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज व अन्य नेताओं ने कहा कि विष्णु देव सरकार की नाकामयाबी के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित विधानसभा घेराव की सफलता इस बात का प्रमाण है कि पिछले सात महीनों में छत्तीसगढ़ का कोना कोना अपराध गढ़ बन चुका है जिसे लेकर जनता में भी काफ़ी आक्रोश है।