बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश की नदियों और उनके उद्गम स्थलों के संरक्षण को लेकर अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि राज्य की 19 नदियों के उद्गम स्थल खोजने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में कमेटियाँ बनाई जाएँ। इन कमेटियों में राजस्व अधिकारी, जल संसाधन विभाग के इंजीनियर, अतिरिक्त कलेक्टर, खनिज अधिकारी, वन व जलवायु परिवर्तन अधिकारी, नगर निगम आयुक्त या नगरपालिका सीईओ सदस्य होंगे।
अरपा नदी से जुड़ी याचिका पर सुनवाई
अरपा नदी समेत प्रदेश की अन्य नदियों के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सभी नदियों और उनके उद्गम स्थल को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने का आदेश दिया है। फिलहाल कई उद्गम स्थल रिकार्ड में नाले के रूप में दर्ज हैं।
सरकार का जवाब और योजनाएँ
राज्य सरकार ने अदालत में बताया कि महानदी, हसदेव, तांदूला, पैरी, केलो और मांड नदियों के लिए पहले ही कमेटी का गठन हो चुका है। साथ ही अरपा नदी में सालभर पानी बनाए रखने और प्रदेश की 9 प्रमुख नदियों के पुनर्जीवन की योजना पर भी काम चल रहा है।
नगर निगम से जवाब तलब
हाईकोर्ट ने नगर निगम बिलासपुर को नया शपथ पत्र दाखिल करने कहा है। कोर्ट ने पूछा कि अरपा नदी में गंदगी रोकने के लिए बनाए जा रहे एसटीपी की क्या स्थिति है और नालों का गंदा पानी रोकने की योजना कहां तक पहुँची है।
मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।