स्वास्थ्य सचिव, कलेक्टर सहित कई अधिकारियों को भी नोटिस
बिलासपुर। सरगुजा जिले के नवानगर स्थित सरकारी अस्पताल में फर्श पर प्रसव होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका दर्ज की है और स्वास्थ्य सचिव को शपथ-पत्र के साथ जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
ज्ञात हो नवानगर उप स्वास्थ्य केंद्र में 8 जून को सुबह दरिमा की एक महिला प्रियावती पैकरा को प्रसव के लिए उनके परिजन लेकर पहुंचे थे। पर अस्पताल में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अलावा कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था। मजबूरन उसका प्रसव अस्पताल के ही फर्श पर प्रसव हो गया। सूचना मिलने के बावजूद न डॉक्टर पहुंचे और न ही नर्स। परिजनों ने गांव से दाई को अस्पताल बुलाकर मदद ली। घटना अखबारों में आने के बाद सीएमएचओ डॉ. आरएन गुप्ता अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने एक डॉक्टर से मामले की जांच कराई। इसके बाद एक नर्स कन्या पैकरा को निलंबित कर दिया और एक एएनएम मीना चौहान को स्थानांतरित कर दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले को अत्यंत खेदजनक माना है। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए जनता की बड़ी रकम खर्च करती है। इसके बावजूद अस्पताल में डॉक्टर और नर्स उपस्थित नहीं मिलते तो कड़े कदम उठाने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि सोशल मीडिया पर इस घटना के कुछ वीडियो प्रसारित हो रहे हैं। आगे इनका प्रसारण न हो।
वार को मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए घटना को अत्यंत खेदजनक बताया। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को जवाब दाखिल करने कहा है। इसके बाद कल देर रात ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर पीएन राजवाड़े और आरएमए डॉ. वीरेंद्र कुमार पटेल को निलंबित करने का आदेश शासन की ओर से जारी किया गया है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस मामले में मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य संचालक, सरगुजा के कलेक्टर, सरगुजा के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को नोटिस जारी कर हलफनामा के साथ जवाब दाखिल करने कहा है।