एनआईटी रायपुर के होनहार छात्रों को राष्ट्रपति के हाथों मिला स्वर्ण पदक

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), रायपुर में आज 14वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक और सम्मान प्रदान किया। समारोह में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

1439 विद्यार्थियों को मिली डिग्रियाँ

रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में एनआईटी के 1439 विद्यार्थियों को विभिन्न डिग्रियाँ प्रदान की गईं। इसमें बी.टेक और बी.आर्क के 1044, एमसीए और एम.टेक के 225, और पीएचडी के 170 विद्यार्थियों ने डिग्रियाँ प्राप्त कीं। राष्ट्रपति द्वारा छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें राष्ट्रनिर्माण में अपनी भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया गया।

स्वर्ण पदक पाने वाले छात्रों का सम्मान

इस अवसर पर इंजीनियरिंग के 12 छात्रों को विशेष उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यह सम्मान छात्रों की मेहनत, निष्ठा और तकनीकी कौशल के लिए था। राष्ट्रपति मुर्मु ने छात्रों को स्वर्ण पदक देते हुए कहा कि सही दिशा में कार्य करने वाले और समाज को योगदान देने की भावना रखने वाले युवा ही देश का भविष्य संवार सकते हैं।

तकनीकी शिक्षा पर दिया बल

राष्ट्रपति मुर्मु ने छात्रों को संबोधित करते हुए तकनीकी शिक्षा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों का यह दायित्व है कि वे अपने ज्ञान और कुशलता का सही उपयोग करें। उन्होंने भारत की डिजिटल प्रगति का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे तकनीकी शिक्षा से जुड़ी नवीनीकरण की प्रक्रियाएं देश को आत्मनिर्भर बना रही हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में निष्ठा, नैतिकता और समर्पण बनाए रखें।

नई परियोजनाओं का ऐलान

समारोह में एनआईटी के विकास पर भी चर्चा की गई, जिसमें संस्थान की ओर से कई नए परियोजनाओं की घोषणा की गई। इसके तहत अनुसंधान केंद्रों की स्थापना, डिजिटल प्रयोगशालाओं का विस्तार और छात्रवृत्ति योजनाओं को बढ़ावा देने पर भी बल दिया गया। एनआईटी रायपुर के निदेशक ने बताया कि कैसे संस्थान अपने शैक्षणिक और तकनीकी मानकों को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने छात्रों का हौसला बढ़ाया

इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने भी छात्रों को बधाई दी और उन्हें राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को उच्च स्तर पर पहुंचाने के लिए तत्पर है, और एनआईटी रायपुर जैसे संस्थान इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

भारत के तकनीकी भविष्य में एनआईटी का योगदान

समारोह में एनआईटी के योगदान पर भी प्रकाश डाला गया। यह संस्थान छात्रों को केवल तकनीकी शिक्षा ही नहीं देता, बल्कि उन्हें व्यावसायिक कौशल और सामाजिक जिम्मेदारी का भी पाठ पढ़ाता है। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि एनआईटी रायपुर की उपलब्धियाँ भारत के तकनीकी भविष्य में एक नया अध्याय जोड़ने का कार्य कर रही हैं।

 ‘महतारी वंदन योजना’ की 9वीं किश्त जारी

राष्ट्रपति कार्रवाई द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के पुरखौती मुक्तांगन में ‘महतारी वंदन योजना’ की 9वीं किश्त जारी की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई इस योजना के तहत कुल 651 करोड़ 37 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन हस्तांतरित की गई। इसके साथ ही अब तक इस योजना से राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाओं को 5878 करोड़ 37 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जा चुकी है।

महिलाओं से संवाद, बच्चों की शिक्षा पर जोर

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर योजना की लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने लाभार्थी ममता कश्यप और सत्यवती ध्रुव से योजना के फायदों के बारे में चर्चा की। ममता कश्यप ने बताया कि इस सहायता राशि का उपयोग बच्चों की शिक्षा, राशन, और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में होता है। राष्ट्रपति ने महिलाओं से अपील की कि वे इस सहायता का उपयोग बच्चों की शिक्षा में करें ताकि उनके बच्चे अफसर बनकर परिवार और समाज का मान बढ़ा सकें।

बस्तर की ममता कश्यप ने व्यक्त किया आभार

कार्यक्रम में विशेष रूप से बस्तर से आईं ममता कश्यप ने राष्ट्रपति से बातचीत को अपने जीवन का अमूल्य अनुभव बताया। उन्होंने योजना के महत्व को समझाते हुए कहा कि हर महीने मिलने वाली सहायता राशि उनके परिवार के लिए राहत का स्रोत बन गई है। इस राशि से वह अपने बच्चों के कपड़े, ट्यूशन फीस, और अन्य जरूरतों को पूरा कर पाती हैं। ममता ने छत्तीसगढ़ सरकार को इस योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सहायता उन्हें सुरक्षा का अहसास कराती है।

सरगुजा प्रखंड का लोकार्पण

राष्ट्रपति मुर्मु ने नवा रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन में बने ‘सरगुजा प्रखंड’ का लोकार्पण भी किया। लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस प्रखंड में सरगुजा अंचल की आदिवासी संस्कृति, जीवनशैली और पुरातात्विक धरोहरों का सुंदर प्रदर्शन किया गया है। इस प्रखंड में पण्डो जनजाति के परंपरागत घरों से लेकर पहाड़ी कोरवा जनजाति के धार्मिक स्थलों और मड़िया खंबा जैसे आदिवासी जीवन के महत्वपूर्ण प्रतीकों को प्रदर्शित किया गया है।

आदिवासी धरोहर का संरक्षण

पुरखौती मुक्तांगन के इस सरगुजा प्रखंड में पंडो और कोरवा जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहर को संजोया गया है। यह प्रखंड न केवल राज्य की आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने का प्रयास है बल्कि नई पीढ़ियों को इसके महत्व से परिचित कराता है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रखंड छत्तीसगढ़ की विविध सांस्कृतिक विरासत को संजोने का अद्वितीय उदाहरण है।

कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, सहित अन्य वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति ने सभी के साथ इस विशेष अवसर पर छत्तीसगढ़ की महिलाओं के उत्थान के प्रयासों की सराहना की और सरकार को बधाई दी।

पुस्तकों का किया विमोचन

राष्ट्रपति मुर्मु ने नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन किया। इनमें ‘आदि नारी: आदिवासी महिलाओं की अस्मिता और गौरव गाथा’, ‘वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका’, और ‘पोदड़गुमा पेन करसाड’ शामिल हैं। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने राष्ट्रपति को उक्त पुस्तकों की प्रथम प्रतियां भेंट की। ये पुस्तकें छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति, महिला सशक्तिकरण और वन अधिकारों पर केंद्रित हैं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सहित अन्य उपस्थित थे।

‘आदि नारी: आदिवासी महिलाओं की अस्मिता और गौरव गाथा’ में छत्तीसगढ़ की जनजातीय महिलाओं के दशकीय सामाजिक और आर्थिक विकास की यात्रा को रेखांकित किया गया है। इसके अलावा, ‘वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका’ में वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यापक रूप-रेखा प्रस्तुत की गई है। ‘पोदड़गुमा पेन करसाड’ पुस्तक में गोंड जनजाति की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का विवरण है, जो उनकी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने का एक प्रयास है।

इस आयोजन में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा, प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी. एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

26 अक्टूबर को रायपुर और भिलाई में

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 26 अक्टूबर को रायपुर और भिलाई में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगी। वह सुबह 9:20 बजे राजभवन से प्रस्थान कर रायपुर के गायत्री नगर स्थित कार्रवाई जगन्नाथ मंदिर पहुंचेंगी। इसके पश्चात, वह रायपुर हवाई अड्डे के लिए रवाना होंगी और विशेष हेलीकॉप्टर से भिलाई जाएंगी। भिलाई में सुबह 11:15 बजे से 12:15 बजे तक वे आईआईटी भिलाई के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगी।

राष्ट्रपति दोपहर 1:00 बजे हेलीकॉप्टर से रायपुर हवाई अड्डे लौटेंगी, जहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा नवा रायपुर स्थित उनके नए निवास पर राष्ट्रपति के सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया गया है। इसके बाद दोपहर 3:30 बजे वह नवा रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल हेल्थ साइंस एवं आयुष विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगी। शाम 5:10 बजे राष्ट्रपति रायपुर हवाई अड्डे से विशेष विमान द्वारा नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी।

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