छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बालिका संरक्षण पर राज्य स्तरीय विचार–परामर्श
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की स्पेशल सेल फॉर पोक्सो कमेटी और जुवेनाइल जस्टिस कमेटी ने छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से “बालिका संरक्षण : भारत में उसके लिए सुरक्षित और सक्षम वातावरण” विषय पर राज्य स्तरीय विचार–परामर्श का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने किया। इस मौके पर न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल, न्यायमूर्ति रजनी दुबे और न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी विशेष अतिथि रहे।
मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि बालिका की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण केवल कानूनी जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित वातावरण का मतलब केवल अपराध से सुरक्षा नहीं है, बल्कि इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बराबरी के अवसर भी शामिल हैं। न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि हर संस्था का लक्ष्य सिर्फ अन्याय रोकना नहीं, बल्कि सशक्तिकरण करना होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बालिका संरक्षण के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है – इलाज के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ, सुरक्षा के लिए पुलिस, पोषण के लिए समाज, अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायिक संस्थान और सबसे बढ़कर समाज की मानसिकता बदलनी होगी। तभी हम ऐसा माहौल बना पाएंगे, जहां हर बच्ची बिना डर के अपने सपनों को पूरा कर सके।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा, “हर सरकारी संस्था को बच्चों के अधिकारों का संरक्षक बनना चाहिए। हर पीड़िता को न्याय मिलना हमारा पवित्र कर्तव्य है। छोटी बच्ची भारत की आत्मा है, हमें उसका हाथ पकड़कर उसे गरिमा के साथ भविष्य की ओर ले जाना है।”
कार्यक्रम में दो तकनीकी सत्र आयोजित हुए, जिनमें बालिकाओं पर होने वाली हिंसा, बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं की समीक्षा, सुरक्षित स्कूल वातावरण, परिवार और समुदाय की भूमिका, मानसिक स्वास्थ्य, एनजीओ और यूनिसेफ जैसी संस्थाओं का सहयोग तथा पोक्सो एक्ट के तहत कानूनी ढांचे पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर “पोक्सो एक्ट के अंतर्गत विभिन्न हितधारकों की भूमिका” शीर्षक से एक पुस्तिका भी जारी की गई। इसका विमोचन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल, न्यायमूर्ति रजनी दुबे और न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में उच्च न्यायालय और राज्य स्तरीय विधिक सेवा संस्थानों के अधिकारी, पुलिस विभाग, कलेक्टर, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा, पंचायत, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण विभाग के प्रतिनिधि, न्यायिक अधिकारी तथा यूनिसेफ के प्रतिनिधि शामिल हुए।