अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री ने विशाखापट्टनम से किया योग का नेतृत्व

विशाखापट्टनम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विशाखापट्टनम से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व किया और कहा कि दुनिया इस वक्त अशांति, तनाव और अस्थिरता के दौर से गुजर रही है, ऐसे समय में योग शांति का रास्ता दिखाता है।

मोदी ने कहा, “आज पूरी दुनिया किसी न किसी तरह की चिंता और तनाव में जी रही है। कई जगहों पर अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग हमें रुककर सोचने, सांस लेने और संतुलन बनाने का मौका देता है। यह एक तरह से मानवता के लिए ‘पॉज बटन’ है।”

उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति को दुनिया के साथ जुड़ने की राह पर ले जाता है। “मुझे गर्व होता है जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योगशास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांवों में बच्चे योग ओलंपियाड में हिस्सा लेते हैं और नौसेना के जहाजों पर बेहतरीन योग कार्यक्रम होते हैं। ओपेरा हाउस की सीढ़ियों से लेकर एवरेस्ट की चोटी और समंदर तक हर जगह से एक ही संदेश आता है- योग सबके लिए है, बिना किसी सीमा, पृष्ठभूमि या योग्यता के।”

पीएम मोदी ने याद किया कि जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा था तो बहुत कम समय में 175 देश इसके समर्थन में आ गए थे। उन्होंने इसे आज के समय में असाधारण एकजुटता बताया।
उन्होंने अपील की, “इस योग दिवस को ‘योग फॉर ह्यूमैनिटी 2.0’ की शुरुआत मानें, जहां आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बनाया जाए।”

इस मौके पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी मंच साझा किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने योग को सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में लोकप्रिय बना दिया है। आज योग दिवस 175 से ज्यादा देशों में, 12 लाख जगहों पर और 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की भागीदारी के साथ मनाया जा रहा है।

इस बार योग दिवस की थीम है — वन अर्थ, वन हेल्थ के लिए योग’
विशाखापट्टनम में योग कार्यक्रम 26 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में हो रहा है, जहां एक साथ 3 लाख लोग योगाभ्यास कर सकते हैं।

 

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