मनरेगा भुगतान, बिजली दरों में बढ़ोतरी और दिव्यांगजनों पर पुलिस कार्रवाई भी रहे चर्चा में
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन बुधवार को खासा हंगामेदार रहा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में गड़बड़ी और भुगतान में देरी का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई और सदन का माहौल गर्मा गया।
महंत ने आरोप लगाया कि कोटा और मनेंद्रगढ़ सहित कई क्षेत्रों में मकान बन जाने के बावजूद हितग्राहियों को भुगतान नहीं हुआ, जबकि कुछ मामलों में बिना निर्माण के ही आवास स्वीकृत दिखा दिया गया। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की और सवाल उठाया कि “मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि जहां गड़बड़ी मिले, वहां कलेक्टरों पर कार्रवाई होगी, लेकिन तखतपुर जैसे मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं हुई?”
सरकार का जवाब: पारदर्शिता है, जांच को तैयार
इस पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार में “सुशासन और सुदर्शन दोनों” है। उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत तीन किस्तों के बाद 90 दिन के भीतर भुगतान किया जाता है, और यदि कहीं गड़बड़ी है, तो ठोस जानकारी दी जाए, सरकार जांच के लिए तैयार है। लेकिन विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे सदन में शोर-शराबा मच गया।
मनरेगा और बिजली बिलों पर भी सवाल
महंत ने मनरेगा भुगतान में देरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जशपुर और बीजापुर जैसे जिलों में सिर्फ 38 फीसदी भुगतान हुआ है। उन्होंने पूछा कि क्या शेष भुगतान होगा या सरकार ने मना कर दिया है? इस पर उप मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि सरकार हर शिकायत को गंभीरता से ले रही है और समय पर भुगतान की कोशिश की जा रही है।
इसके साथ ही बिजली दरों में बढ़ोतरी का मामला भी उठा। महंत ने कहा कि यह गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ बन गया है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।
दिव्यांग प्रदर्शन और अन्य मुद्दे भी आए सामने
विधायक संगीता सिन्हा ने रायपुर में दिव्यांगजनों पर पुलिस कार्रवाई को बर्बरता बताया और इसकी जांच और कार्रवाई की मांग की। वहीं, कृषि यंत्र वितरण में अनियमितता और खनन क्षेत्र के प्रदूषण को लेकर भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए गए।
सत्र में और गरमाहट के आसार
यह सत्र 14 जुलाई से 18 जुलाई तक चल रहा है। पहले दो दिन खाद की कमी, रेडी-टू-ईट योजना और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर बहस हुई। तीसरे दिन पीएम आवास और मनरेगा को लेकर माहौल और गर्मा गया। विपक्ष ने कुल 996 सवालों की सूची तैयार की है, जिससे आने वाले दो दिनों में भी सत्र में तीखी बहस की संभावना है।