बिलासपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस एवं धन्वंतरी जयंती के अवसर पर शुक्रवार को चिंगराजपारा में जिला स्तरीय आयुष मेला, योग प्रदर्शन एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद अरूण साव ने किया। उन्होंने आयुर्वेद पद्धति को जीवनशैली में अपनाने के लिये लोगों से अपील की।
साव ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हमारे देश की सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति है। आज विश्व में भी इस पद्धति के प्रति लोगों का झुकाव हो रहा है। आयुर्वेद को जीवन में अपनाकर हम सदैव स्वस्थ रह सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर डॉ.संजय अलंग ने की। उन्होंने लोगों से स्वास्थ्य के लिये हानिकारक नशा जैसे तंबाखू, शराब से बचने का आव्हान किया।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. प्रदीप शुक्ला ने आयुष विभाग द्वारा दी जा रही सेवाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 50 संस्थाएं आयुर्वेदिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिये कार्यरत हैं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आयुर्वेद के जनक धन्वंतरी की पूजा की गई।
शिविर में सभी प्रकार के बीमारियों की जांच की गई तथा औषधियों का वितरण किया गया। सामान्य आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी से उपचार के अलावा स्वस्थ व्यक्तियों का भी परीक्षण कर उन्हें स्वस्थ रहने के लिये मार्गदर्शन दिया गया, साथ ही रक्तचाप एवं मधुमेह परीक्षण भी किया गया। शरद ऋतु में सर्दी, खांसी से बचने एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु अमृतवास काढ़ा का वितरण उपस्थित जन सामान्य को किया गया। शिविर में 793 मरीजों की जांच की गई, जिनमें 623 मरीजों का आयुर्वेद पद्धति से और 170 मरीजों का होम्यो पद्धति से उपचार किया गया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन, डॉ. के.के.जायसवाल, डॉ. संजय जायसवाल, पार्षद भागीरथी यादव, डॉ. हेमंत कौशिक एवं अस्पताल के अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। शिविर को सफल बनाने में डॉ.निशांत कौशिक, डॉ. प्रगति कौशिक, डॉ. कोमल डोटे, होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. गुंजन तिवारी, डॉ. सुलेखा कौशिक आदि ने सेवाएं दी।