रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है. इस विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 को पारित किया जाएगा केंद्र द्वारा पारित किये गए तीन कृषि बिल को भूपेश सरकार राज्य में लागू नहीं करेगी. इसके बदले में राज्य सरकार अलग कानून बना रही है.

संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि प्रदेश में नए कृषि कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इसे विधानसभा में पेश करने की तैयारी है. ड्रॉफ्ट में श्रम कानून, फार्मिंग का बिल, मंडी के नियमों को शामिल किया गया है. किसानों, मजदूरों और उपभोक्ता के साथ ही सभी वर्गों को साथ रखकर ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है.

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जो कानून बनाया है. उसमें धान खरीदी की प्रक्रिया परेशानी में आ जाएगी, गरीबों को जो एक रुपए किलो में चावल मिलता है, वह प्रभावित होगा. मिलों से मजदूरों को निकाला जाएगा. हम ये सब होने नहीं देंगे.

विधानसभा में पूर्व मंत्री चनेशराम राठिया, पूर्व विधायक लुईस बेक, डॉ. चंद्रहास साहू, डॉ. राजेश्वरी प्रसाद त्रिपाठी, शशिप्रभा देवी, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री माधव सिंह ध्रुव और पूर्व मंत्री और प्रोटेम स्पीकर रहे महेंद्र बहादुर सिंह को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी.

मंडी बिल सहित अन्य मुद्दे पर आक्रोशित है विपक्ष
केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों के विरोध और मरवाही विधानसभा सीट पर उपचुनाव की पृष्ठभूमि में आयोजित सत्र में हंगामें के आसार बने हुए हैं. भाजपा इसे संसद के अधिकार में हस्तक्षेप की कोशिश बता रही है. वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का विधायक दल मरवाही को लेकर काफी आक्रोशित है. किसानों के मुद्दे पर भी भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश में है.

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