सीएमडी कॉलेज के वार्षिकोत्सव में किया गया जन-जागरण, लायंस क्लब की महिलाएं भी धरने में शामिल हुईं
बिलासपुर। हवाई सेवा अखंड धरना आंदोलन के 126 वें दिन आज एनएसयूआई परिवार के छात्र और लायंस क्लब मिड-टाउन की महिलाएं धरने पर बैठीं। आज समिति के सदस्यों ने सीएमडी कॉलेज के वार्षिक उत्सव के दौरान हवाई सुविधा आंदोलन के बारे में छात्रों के बीच जन-जागरण किया।
एनएसयूआई बिलासपुर इकाई के अध्यक्ष रंजीत सिंह चौहान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र रैली की शक्ल में आज सुबह धरना स्थल पर पहुंचे। इस मौके पर चौहान ने कहा कि दिसंबर 2019 में नए शहरों को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए उड़ान 4.0 योजना के तहत टेंडर निकाला गया था आज फरवरी माह पूरा हो रहा है परंतु अब तक केंद्र सरकार ने इसके परिणाम घोषित नहीं किए हैं। इस योजना के तहत बिलासपुर से प्रयागराज और बिलासपुर से भोपाल मार्ग पर दो हवाई कंपनियों के साथ विमान संचालन के लिए प्रस्ताव देने की बात कही गई है।
एनएसयूआई के एजाज हैदर ने कहा कि हम छात्रों और युवाओं के लिए बिलासपुर को हवाई नक्शे में लाना एक बड़ी प्राथमिकता है क्योंकि इसका लाभ युवा पीढ़ी को ही होने वाला है। इससे हमारे शिक्षा संस्थानों में बाहर से अच्छे प्रोफेसर आ सकेंगे। एनएसयूआई के चंद्रशेखर साहू ने कहा कि हवाई सेवा शुरू होने से शिक्षा के अलावा खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी लाभ मिलेगा। पूर्व अध्यक्ष गोपाल दुबे ने एनएसयूआई को और संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
लायंस क्लब की महिलाओं ने भी आंदोलन में भागीदारी की। क्लब की ओर से शैल श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे शहर के बच्चे महानगरों से त्योहारों में भी अपने घर नहीं आ पाते, क्योंकि यहां हवाई सेवा नहीं है। शशि देवांगन ने कहा कि राज्य निर्माण के साथ हमें जो सुविधा मिल जानी थी उसके लिए हमें 20 साल तक संघर्ष करना पड़ रहा है। सभा को मीना गढ़ेवाल, आरती साहू, सावित्री मिश्रा, शेफाली और प्रीति चंद्रा ने भी संबोधित किया।
धरने में एनएसयूआई की ओर से हिमांशु सिंह चतुर्वेदी, संतोष निर्मलकर, अंकित तिवारी, आदि शामिल हुए। धरना स्थल पर माउथ आर्गन कलाकार विजय गुर्जर ने देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुति दी।
समिति के सदस्यों ने त्रिवेणी सभागार में संकल्प पैनल द्वारा आयोजित सीएमडी कॉलेज के वार्षिकोत्सव के दौरान उपस्थित होकर आयोजकों की सहमति से हवाई सेवा आंदोलन के बारे में छात्रों को जानकारी दी। छात्र-छात्राओं ने इसे पूरे मनोयोग से सुना और आंदोलन को सोशल मीडिया तथा सड़क पर समर्थन देने का वचन दिया।