बिलासपुर। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर मंगलवार को जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा कक्ष में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने मीसाबंदी व लोकतंत्र सेनानियों को शॉल और फल भेंट कर सम्मानित किया। सम्मान पाकर सभी लोकतंत्र सेनानी भावुक हो गए।

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने कहा, “आपातकाल के उस अंधेरे दौर में मीसाबंदियों ने लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जान की परवाह किए बिना संघर्ष किया। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।”

आपबीती सुनते भावुक हुए लोग
मीसाबंदी परिवार की भावना पाठक ने बताया कि आपातकाल के समय उनकी मां को पुणे की यरवदा जेल में बंद कर दिया गया था। “उस वक्त घर में 15 दिन बाद मेरी बड़ी बहन की शादी थी, फिर भी मां को जमानत नहीं दी गई।” उन्होंने कहा कि उस समय हजारों लोगों को बिना किसी वजह के जेल में डाल दिया गया था।

मीसाबंदी संघ के अध्यक्ष गोवर्धन गुलहरे ने भी आपातकाल के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह दौर आज भी दिल दहला देता है।

आपातकाल पर छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन
कार्यक्रम में “आपातकाल – एक काला अध्याय” विषय पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन भी केंद्रीय मंत्री साहू ने किया। इस प्रदर्शनी में उस दौर की प्रमुख घटनाएं, आंदोलन, प्रेस पर सेंसरशिप और लोकतंत्र की लड़ाई को दर्शाया गया। प्रदर्शनी देखकर मंत्री ने कहा, “आपातकाल लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला था। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह दिन हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा का महत्व याद दिलाता है।”

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में हमेशा जागरूक और सजग रहें।

इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर विधायक धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, महापौर पूजा विधानी, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक सिंह समेत लगभग 40 लोकतंत्र सेनानी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन सौरभ सक्सेना ने किया और आभार अपर कलेक्टर एसपी दुबे ने व्यक्त किया।

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