एसईसीएल की भागीदारी से हो रहा छत्तीसगढ़ में रेल संरचना का विकास
बिलासपुर। गेवरारोड से पेन्ड्रारोड तक 135 किलोमीटर की दोहरी विद्युतीकृत रेलवे लाईन विकसित करने के लिए एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के संघ से 3976 करोड़ रुपये के ऋण के लिए एसईसीएल की अनुषंगी कम्पनी सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल.ने समझौता किया है।
हाल ही में इस संबंध में सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल. ने एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के संघ से समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस ऋण का उपयोग गेवरारोड से पेन्ड्रारोड तक विकसित किए जाने वाले रेल्वे लाईन को पूर्ण करने में किया जाएगा।
गेवरारोड से पेन्ड्रारोड रेल परियोजना से एसईसीएल की गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा जैसी बड़ी खदानों से कोयला निकासी में वृद्धि होगी। इस परियोजना में प्रमोटर कम्पनियां 20 प्रतिशत अर्थात कुल 994 करोड़ रुपये की सहभागिता देंगी, वहीं 80 प्रतिशत अर्थात कुल 3976 करोड़ रुपये बैंकों से ऋण के रूप में लिया जा रहा है। अभी तक प्रमोटर कम्पनियों द्वारा 650 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं। साथ ही इस परियोजना के लिए फारेस्ट क्लीयरेंस भी मिल चुका है।
यह परियोजना एसईसीएल को अपने विभिन्न खदानों से प्रतिवर्ष लगभग 65 मिलियन टन कोयला निकासी करने में सहायक सिद्ध होगी। इससे गेवरारोड से पेन्ड्रारोड के बीच में वर्तमान में उपलब्ध रेलवे लाईन की तुलना में सबसे कम दूरी वाली रेलवे लाईन का निर्माण किया जाएगा। रेलवे लाईन से एसईसीएल के गेवरा, कुसमुण्डा एवं दीपका खदानों को भी जोड़ा जाएगा जिससे कोयला निकासी में सहायता मिलेगी। परियोजना की कुल लागत 4970 करोड़ है और यह मार्च 2023 तक पूर्ण होगी।
सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल. में एसईसीएल की 64 प्रतिशत, इरकान की 26 प्रतिशत एवं एस.आई.डी.सी., छत्तीसगढ़ शासन की 10 प्रतिशत भागीदारी है।
यह ऋण बैंकों के जिस संघ से लिया गया है उनमें स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से सर्वाधिक 1800 करोड़ रुपये लिए गए हैं। शेष राशि पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, केनरा बैंक, इण्डियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से ली गयी है। इस परियोजना के पूर्ण होने से छत्तीसगढ़ की रेल्वे संरचना तो सुदृढ़ होगी ही साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलने की संभावना है।