कोर्ट ने स्वतःसंज्ञान लिया, हस्तक्षेप याचिका पर वीडियो कांफ्रेंस से अर्जेन्ट हियरिंग
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेलवे के आइसोलेशन कोच का कोविड मरीजों के लिये इस्तेमाल करने का सुझाव देते हुए रायपुर कलेक्टर और रायपुर मंडल प्रबंधक को बैठक कर आवश्यक निर्णय लेने का निर्देश दिया है और 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आज चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू के डबल बेंच ने रेलवे द्वारा तैयार आइसोलेशन कोच को कोविड मरीजों के उपचार के लिये काम में लाने के विषय पर स्वतः संज्ञान लिया था। इस मामले में आज अर्जेन्ट हियरिंग हुई। पिछले वर्ष से चल रहे इस मामले की सुनवाई में इस पर विजय केशरवानी की हस्तक्षेप याचिका भी लगी थी, जिस पर आज वीडियो कांफ्रेंस से अर्जेन्ट सुनवाई की। केशरवानी की ओर से इस मामले में अधिवक्ता संदीप दुबे को उपस्थित होना था पर स्वास्थ्य कारणों से वे शामिल नहीं हो पाये। उनकी ओर से अधिवक्ता पलाश तिवारी ने कहा कि बीते साल रेलवे ने आइसोलेशन कोच बनाये थे जो रायपुर, बिलासपुर व दुर्ग स्टेशनों पर खाली खड़े हुए हैं। महाराष्ट्र में इन कोचों का इस्तेमाल कोरोना संक्रमितों के लिये किया जा रहा है, इस सम्बन्ध में स्वयं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर जानकारी दी है।छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में कोरोना केस बढ़ रहे हैं और श्रमिक भी संक्रमित होकर लौट रहे हैं अतः इनका उपयोग करने के लिये रेलवे को निर्देश दिया जाये।
रेलवे की ओर से उपस्थित अधिवक्ता अभिषेक सिन्हा ने कहा कि रेलवे को रेल परिचालन में तो अनुभव है पर स्वास्थ्य सेवा उसका क्षेत्र नहीं है। इसलिये यदि ये आइसोलेशन सेंटर शुरू करना है तो राज्य सरकार को बताना होगा कि वे वहां मरीजों की देखभाल कैसे की जायेगी। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा भी उपस्थित हुए।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले को वे राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखते हैं न ही किसी पर दोषारोपण कर रहे हैं। समन्वय की कोशिश है कि कोविड मरीजों को उपचार के लिये अधिकाधिक सुविधा मिल सके। अदालत से इस बात की मांग की गई कि मामले की सुनवाई दो दिन बाद की जाये पर कोर्ट ने इसे अर्जेन्ट मैटर मानते हुए कल फिर सुनवाई करने के लिये कहा है। अब 23 अप्रैल तक इस मामले में रायपुर डीआरएम व कलेक्टर को बैठक लेकर हाईकोर्ट को निर्णय से अवगत कराना होगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मरीजों के उपचार के लिये अस्पतालों में बिस्तरों का संकट खड़ा होता जा रहा है। रेलवे ने बीते साल रेलवे बोगियों को आइसोलेशन कोच के रूप में बदला था जो रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर स्टेशनों पर खड़े हैं। इन्हीं जिलों में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मांग की है कि रेलवे के आइसोलेशन कोच में इलाज की सुविधा शुरू की जाये। गोयल ने पत्र के जवाब में कहा है कि यदि राज्य सरकार की ओर से मांग की गई तो इस पर रेलवे विचार करेगा।