बिलासपुर। वनमाली सृजन पीठ में आयोजित विशेष बैठकी में डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने मॉरीशस में हुए विश्वरंग 2024 के शानदार आयोजन की स्मृतियां साझा कीं और आगामी विश्वरंग 2025 के लिए महत्वपूर्ण घोषणा की।
चौबे ने बताया कि वर्ष 2025 से “अफ्रो-एशिया अंतरराष्ट्रीय विश्वरंग सम्मान” की शुरुआत की जाएगी, जो शिक्षा, साहित्य, कला, और संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों को दिया जाएगा।
विश्वरंग 2024 का भव्य आयोजन
संतोष चौबे ने मॉरीशस में आयोजित विश्वरंग 2024 के बारे में कहा कि यह आयोजन भारत और मॉरीशस के सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले गया। आयोजन ने हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार, साहित्य, कला, और संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर मॉरीशस के राष्ट्रपति महामहिम पृथ्वीराज सिंह रूपन द्वारा रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति का अनावरण भी किया गया।
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र की स्थापना
चौबे ने यह भी बताया कि रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में “टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र” की स्थापना की गई है। इस केंद्र का उद्देश्य हिंदी के वैश्विक पठन-पाठन के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना, मानकीकरण और प्रमाणीकरण करना है। इसका लक्ष्य दुनिया भर में एक करोड़ लोगों को हिंदी पठन-पाठन से जोड़ना है।
महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थानों के साथ विचार-विमर्श
उन्होंने बताया कि इस आयोजन के दौरान मॉरीशस के विश्व हिंदी सचिवालय, महात्मा गांधी संस्थान, रवींद्रनाथ टैगोर संस्थान, हिंदी प्रचारिणी सभा, और इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र सहित अन्य प्रमुख संस्थानों के साथ सार्थक चर्चा हुई। मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग और दूरदर्शन के अधिकारियों से भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर विचार विमर्श किया गया।
बैठकी में आईसेक्ट ग्रुप की रजिस्ट्रार पुष्पा आसिवाल, कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे, आईसेक्ट इंटरनेशनल डिवीजन के डायरेक्टर गौरव शुक्ला, कुल सचिव डॉ. अरविंद तिवारी सहित प्रमुख साहित्यकार और सीवीआरयू के अधिकारी उपस्थित रहे।