बिलासपुर। कोयले से भरे ट्रेलर की बेकाबू रफ्तार से हो रही मौतों को लेकर नाराज फरहदा और खैरा के ग्रामीणों ने आज कलेक्टोरेट में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं थीं। मंगलवार को एक बेकाबू ट्रेलर की चपेट में आकर सड़क पार कर रहे एक ढाई साल के बालक की मौत हो गई थी। हफ्ते भर के भीतर दो बच्चों की मौत से ग्रामीण गुस्से में हैं और उन्होंने गांव के भीतर से कोयले भरी गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की है। पटवारी द्वारा पूरे रकबे का पंजीयन नहीं करा पाने के कारण धान नहीं बेच पाने की शिकायत लेकर भी अमसेना के ग्रामीण आज कलेक्टोरेट आये थे।
मंगलवार को दोपहर ग्राम फरहदा में ट्रेलर की चपेट में आकर सड़क पार कर रहे एक ढाई साल के बालक दीपांशु की अपने घर के सामने ही मौत हो गई। इसके बाद बेकाबू ट्रेलर एक मकान से टकरा गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रेलर के चालक मंगलू दास मानिकपुरी की जमकर धुनाई की और घरों से लाठियां लाकर ट्रक को कई जगह से क्षत्तिग्रस्त कर दिया। उन्होंने मौके पर चक्का जाम कर दिया था। बाद में कोल वाशरी प्रबंधक द्वारा एक लाख रुपये और जिला प्रशासन द्वारा 25 हजार रुपये मुआवजा देने पर वे शांत हुए थे।
इस सड़क से दिन भर गतौरा और जयरामनगर की कोल वाशरी के लिए ट्रेलर, हाइवा आदि निकलते हैं। जबकि सड़क के एक छोर पर नदी और दूसरे छोर पर ग्रामीणों के मकान, आंगनबाड़ी, स्कूल आदि हैं। एक सप्ताह पहले ही इसी सड़क पर एक और बच्चे की मौत हो गई थी। आये दिन हो रही दुर्घटनाओं को लेकर ग्रामीण तहसीलदार और एसडीएम से मिलकर शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक इन भारी वाहनों पर रोक नहीं लगी है। फरहदा के उप सरपंच देवेन्द्र सिंह ठाकुर के साथ आज कलेक्टोरेट पहुंचे ग्रामीणों ने एक बार फिर ज्ञापन सौंपकर कलेक्टर से मांग की है कि कोल वाशरी के लिए कोयले का परिवहन गांव के बीच से गुजर रही सड़क से न किया जाये। उसके लिए दूसरा मार्ग निर्धारित किया जाये।
पंजीयन के अभाव में किसान नहीं बेच पा रहे धान
ग्राम अमसेना के किसान धान की उपज नहीं बेच पा रहे हैं। पिछले साल अकाल पड़ने के कारण उन्होंने कम रकबे में धान बोया था। इस पर उससे अधिक रकबा में उन्होंने धान बोया है। जब वे सम्बन्धित धान संग्रहण केन्द्र छतौना में धान बेचने जा रहे हैं तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जा रहा है कि जितना रकबे का ब्योरा पटवारी ने दिया था, उसके एवज में वे धान बेच चुके हैं। ग्राम के किसान गणेश राम कौशिक, रहसधारी, मनहरण यादव, बोधिन बाई, राजकुमारी, प्रकाश कौशिक, सुनील रजक, रोहित कौशिक आदि ने अपने-अपने किसान किताब की फोटो कॉपी के साथ आवेदन लगाकर पंजीयन के रकबे में सुधार की मांग की है, ताकि वे अपना धान बेच सकें। इन ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी उन्हें काफी दिनों तक यह कहकर गुमराह कर रहा था कि वे पंजीयन में सुधार करा देंगे और वे कलेक्टर से शिकायत न करें लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ है।