बीते छह माह में तीसरी बार हाथियों के समूह ने मरवाही इलाके में दस्तक दी

बिलासपुर।  मरवाही-पेंड्रा इलाके में एक बार फिर हाथियों ने झुंड ने दस्तक दी है। इस झुंड से अलग कई लोगों की जान लेने वाला दंतैल हाथी गणेश भी टिका हुआ है। वन विभाग की टीम अलग-अलग इन हाथियों पर निगरानी रख रहा है और कच्चे घरों में रहने वालों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।


मरवाही वन मंडल के राकेश मिश्रा ने बताया कि हाथियों का एक दल फुलवारी ग्राम के आसपास विचरण कर रहा है। इन हाथियों की संख्या 12 है, जिनमें तीन बच्चे भी है। दूसरी ओर रविवार की सुबह 10 बजे के आसपास दंतैल हाथी गणेश को कोटमीखुर्द गांव में देखा गया उसके बाद आगे बढ़कर रामगढ़ गांव के समीप पहुंच गया । कल इस हाथी को पहली बार केंदा सर्किल के ग्राम सेमरा में देखा गया था। संभवतः यह कोरबा वन मंडल की ओर से यहां पहुंचा है। बीते 6 माह से यह हाथी कोरबा, रायगढ़ धरमजयगढ़ आदि इलाकों विचरण कर रहा है। दरअसल, इन इलाकों में करीब एक दर्जन लोगों की मौत इस हाथी के हमले से हो चुकी है इसलिए पेन्ड्रा-मरवाही इलाके के ग्रामीणों में इसके पहुंचने से दहशत का आलम है। हाथी गणेश को रेडियो कॉलर लगाया गया है जिससे उसके लोकेशन की पुख्ता जानकारी मिल जाती है।

इस इलाके में 12 हाथियों का दल अलग घूम रहा है। इनमें से कुछ हाथी कल झंडी गांव में पहुंच गये थे। वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें गांव से बाहर खदेड़ने की कोशिश की तो वे आज पेन्ड्रा रेंज के मुरमुर गांव के बाहर जाकर टिके हुए हैं।

डीएफओ मिश्रा ने बताया कि दोनों ही जगह पर वन रक्षक तैनात हैं और हाथियों की गतिविधियों पर निगाह रखी जा रही है। ग्रामीण इन्हें न छेड़ें और देखने की उत्सुकता में इकट्ठा न हों इसके लिए मुनादी कराई गई है। लोगों को शाम के बाद घर से नहीं निकलने की सलाह दी गई है। कच्चे घर जिन्हें हाथी नुकसान पहुंचा सकते हैं उनमें रहने वालों को शाम के समय सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। वन विभाग की प्राथमिकता किसी तरह की जनहानि को रोकना है। हाथी यदि सड़क पार करते हैं तो वहां यातायात भी रोक दिया जाता है।

पेन्ड्रा-मरवाही इलाके में इस साल हाथियों का झुंड बार-बार प्रवेश हो रहा है। बीते कुछ सालों में हाथियों की आमद मरवाही वन मंडल में बढ़ गई है। इसी साल जुलाई में बेलपत इलाके में ही 40 हाथियों का दल पहुंच गया था जो कुछ दिनों के बाद अपने आप पसान के रास्ते कटघोरा वनमंडल की ओर बढ़ गया था। बीते अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह में मरवाही विकासखंड के ग्राम मझगंवा में 22 हाथियों के दल ने डेरा डाल लिया था। जनहानि रोकने के लिए यहां के नीलगिरी प्लांटेशन के आसपास के मकानों को खाली भी कराया गया था। इसके अलावा बेलगहना, खोडरी इलाके में भी हाथियों का आना-जाना बढ़ गया है।

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