AI डेटा सेंटर विस्तार के लिए पिम्को के जरिए हुआ ऐतिहासिक सौदा

बिलासपुर। वैश्विक टेक और फाइनेंस जगत में बिलासपुर का नाम एक बड़ी उपलब्धि के साथ दर्ज हुआ है। मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) ने अपने एआई डेटा सेंटर विस्तार के लिए पिम्को के माध्यम से 26 बिलियन डॉलर, यानी करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की डील की है। इसे निजी क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी डील में से एक माना जा रहा है। इस ऐतिहासिक सौदे का नेतृत्व बिलासपुर के विनीत अग्रवाल ने किया है।

वैश्विक सौदे में बिलासपुर की छाप
न्यूयॉर्क स्थित पिम्को में एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत विनीत अग्रवाल की भूमिका इस डील में अहम रही। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों के साथ हुए इस सौदे ने न सिर्फ पिम्को की मजबूती को दिखाया, बल्कि वैश्विक टेक-फाइनेंस के मंच पर बिलासपुर की पहचान भी स्थापित की है।

लुइसियाना में एआई डेटा सेंटर का विस्तार
मेटा अमेरिका के ग्रामीण लुइसियाना में अपने डेटा सेंटर का बड़े पैमाने पर विस्तार कर रही है। कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग पहले ही संकेत दे चुके हैं कि सुपर इंटेलिजेंस यूनिट के लिए आने वाले वर्षों में सैकड़ों अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे। कंपनी का पहला मल्टी-गीगावाट डेटा सेंटर ‘प्रोमेथियस’ वर्ष 2026 में शुरू होने की उम्मीद है, जबकि दूसरा डेटा सेंटर ‘हाइपरियन’ भविष्य में 5 गीगावाट तक विस्तार करने में सक्षम होगा। इस डील को अंतिम रूप देने के लिए करीब तीन महीने तक बातचीत चली।

आईआईटी से वॉल स्ट्रीट तक का सफर
तोरवा के व्यवसायी राजकुमार अग्रवाल के बेटे विनीत अग्रवाल की सफलता की कहानी आईआईटी और फिर आईआईएम में चयन से शुरू होती है। मात्र 23 साल की उम्र में उन्होंने हांगकांग की नंबर-1 वित्तीय कंपनी गोल्डमैन सैक्स को 2.25 करोड़ रुपये के पैकेज पर ज्वाइन किया। इसके बाद रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड में उन्होंने सालाना करीब पांच करोड़ रुपये के पैकेज पर काम किया।
एमआईटी स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए के लिए उन्होंने नौकरी छोड़कर पढ़ाई का रास्ता चुना और आज वैश्विक फाइनेंस में एक बड़ा नाम बन चुके हैं।

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