सीमावर्ती जिलों के शीर्ष अधिकारियों की वर्चुअल बैठक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मरवाही और मध्यप्रदेश के अनूपपुर में एक साथ होने जा रहे विधानसभा उप-चुनाव को लेकर आज दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों ने समन्वय बनाते हुए काम करने का निर्णय लिया ताकि निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव कराये जा सके।
इसे वर्चुअल बैठक में संभागायुक्त बिलासपुर डॉ. संजय अलंग, सरगुजा संभागायुक्त जेनेविना किण्डो, शहडोल संभागायुक्त नरेश पॉल, आईजी बिलासपुर दीपांशु काबरा, शहडोल संभाग के आईजी एसपी सिंह, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही कलेक्टर डोमन सिंह, कोरिया कलेक्टर सत्य नारायण राठौर, अनुपपूर जिले के कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, इन जिलों के पुलिस अधीक्षक, मुख्य वन संरक्षक एवं उपायुक्त आबकारी विभाग ने भाग लिया।
बैठक में सीमावर्ती जिलों में विधानसभा उपचुनाव के लिए आधारभूत जानकारी साझा की गई और निचले स्तर पर समन्वय बनाकर कार्य करने सहमति बनी। सीमावर्ती क्षेत्रों की नाकाबंदी प्लान, चेक पोस्ट निर्धारण, सुरक्षा व्यवस्था, शराब, गांजा, अन्य मादक पदार्थ एवं नकदी के परिवहन पर नियंत्रण की कार्ययोजना, वारंटी अपराधियों की सूची, प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन एवं संयुक्त तैनाती योजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
बिलासपुर संभाग के कमिश्नर डॉ. अलंग ने कहा कि मरवाही के शहडोल से लगे क्षेत्र में अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी। दोनों राज्य की सीमा में घाटी एवं जंगल वाले क्षेत्रों में ज्यादा चौकसी बरतनी होगी। मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए सामग्रियों का संग्रहण इन क्षेत्रों में किया जा सकता है जिनको चिन्हांकित किया जाना चाहिए। दोनों जिलों के लोकल थाने ट्रेकिंग सिस्टम को मजबूत बनायें और लगातार बातचीत व जानकारी का आदान प्रदान करते रहे। पेण्ड्रा-गौरेला-मरवाही एवं अनूपपूर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब का परिवहन रोकने के लिए बनाये गये नाकों का संयुक्त भ्रमण किया जाये।
बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा ने कहा कि दोनों जिले एक दूसरे की श्रमशक्ति का उपयोग करे। वन क्षेत्र में कोई संदिग्ध गतिविधियां देखने पर उसकी जानकारी पुलिस को दें। मतदान तिथि के पूर्व 24 घंटे ज्यादा महत्वपूर्ण होते है। इस दौरान दूसरे राज्यों से आये लोगों को चिन्हांकित करना होगा। वारंटियों की सूची बनायी जाएगी और उसकी जानकारी मध्यप्रदेश राज्य को शेयर की जाएगी। जिला बदर होने वाले अपराधियों को चिन्हांकित किया जायेगा, जिससे वे आसपास के जिलों में न रहे। शराब के अवैध परिवहन को रोकने के लिए नाको एवं आसपास के जिलों में भी निगरानी भी की जायेगी।
बैठक में तय किया गया कि व्यवस्थाएं सुचारू रूप से हो सके इसके लिए दोनों सीमावर्ती संभाग एवं जिलों के अधिकारियों में आपसी समन्वय एवं एक दूसरे से सतत सम्पर्क बनाये रखा जाएगा। स्थानीय स्तर के फील्ड स्टाफ एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार का बॉर्डर क्षेत्रों में संयुक्त भ्रमण एवं संयुक्त बैठक कर समन्वय स्थापित करेंगे।