कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी, विधायक सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त 2025 के स्वतंत्रता दिवस भाषण पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि यह भाषण देश की “विविधता में एकता” की भावना को दर्शाने में नाकाम रहा, जो आजादी की लड़ाई का मूल आधार थी। पायलट का मानना है कि यह भाषण एक और पक्षपातपूर्ण भाषण बनकर रह गया।
पायलट ने कहा कि पीएम ने पिछली सरकारों के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश की, खासकर जब उन्होंने तकनीकी प्रगति की कमी की बात की। उन्होंने याद दिलाया कि जवाहरलाल नेहरू ने ISRO, IIT, AIIMS, DRDO जैसे संस्थान बनाए। इंदिरा गांधी ने अंतरिक्ष में भारत का पहला नागरिक भेजने और परमाणु परीक्षण जैसे कदम उठाए। राजीव गांधी ने टेलीकॉम और IT क्रांति की शुरुआत की, और मनमोहन सिंह ने डिजिटल इंडिया की नींव रखी। पायलट के मुताबिक, इन योगदानों को नजरअंदाज करना देश के इतिहास के साथ अन्याय है।
आर्थिक मोर्चे पर, पायलट ने कहा कि भारत भले ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया हो, लेकिन प्रति व्यक्ति आय (2,711 डॉलर) अभी भी श्रीलंका (4,325 डॉलर) और भूटान (3,913 डॉलर) से कम है। उन्होंने कहा कि असली प्रगति का पैमाना प्रति व्यक्ति आय है, न कि सिर्फ कुल GDP।
पायलट ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पीएम ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा सही है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम करवाया। यह भारत की उस नीति के खिलाफ है, जिसमें भारत-पाक मसले को द्विपक्षीय माना जाता है। साथ ही, पहलगाम आतंकी हमले में खुफिया और सुरक्षा चूक पर जवाबदेही का मुद्दा भी अनुत्तरित है।
पीएम ने “पिछड़ों को प्राथमिकता” की बात की, लेकिन पायलट का कहना है कि सरकार ने ऐसा माहौल बनाया है, जिसमें पिछड़े वर्ग अपनी संवैधानिक सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। हाल के लोकसभा चुनाव में BJP की 400 सीटों की बात ने यह डर बढ़ाया। SC, ST और OBC के लिए स्कॉलरशिप में कटौती और विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में देरी जैसे कदमों ने इन समुदायों के अधिकारों पर चोट पहुंचाई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ST के 83%, OBC के 80%, और SC के 64% प्रोफेसर पद खाली हैं।
पायलट ने क्षेत्रीय असंतुलन और केंद्र-राज्य संबंधों में तनाव की भी बात की। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन में राजनीतिक पक्षपात और राज्यों को आर्थिक लाभ से वंचित करने की नीतियां गलत हैं।
अंत में, पायलट ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें देश के लिए बलिदान देने वालों को याद करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का मौका देता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस भावना को अपनाएगी और एकजुट, विकसित और प्रगतिशील भारत के लिए काम करेगी।