बिलासपुर। विधानसभा में 76 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पारित होने के बाद अनुसूचित जाति वर्ग के अलावा सामान्य वर्ग के युवाओं में भी रोष दिखाई दे रहा है। रविवार की शाम कैंडल मार्च निकालकर इसका विरोध किया गया।

आरक्षण के नए प्रस्ताव के विरोध में सामान्य वर्ग से आने वाले विभिन्न समाज के युवाओं ने स्वामी विवेकानंद गार्डन में बैठक की। इसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित रखा जाए बैठक के बाद संयोजकों में से एक हितेश तिवारी ने कहा कि यदि बढ़ा हुआ आरक्षण लागू होता है तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। प्रस्तावित आरक्षण से सरकारी सेवाओं में वर्ग विशेष का वर्चस्व बढ़ेगा, जो संविधान के विरुद्ध है। समाज में समरसता बनी रहे, इसके लिए सरकार को सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। यदि 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव लागू हुआ तो प्रदेश भर में इसके खिलाफ आंदोलन किय ाजाएगा।

बैठक में ब्राह्मण समाज, अग्रवाल समाज, क्षत्रिय समाज, जैन समाज, मुस्लिम समाज, सिंधी समाज व सामान्य वर्ग के अन्य युवा शामिल हुए। बैठक के बाद सभी ने देवकीनंदन दीक्षित चौक से नेहरू चौक तक कैंडल मार्च भी निकाला।

उल्लेखनीय है कि सन् 2012 के राज्य सरकार के आदेश को हाईकोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था, जिसमें 58 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने विधेयक लाकर नए सिरे से आरक्षण लागू करने की घोषणा की थी। इसे लेकर विधानसभा का विशेष सत्र 2 और 3 दिसंबर को रखा गया था। इसमें 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रखा गया। विधेयक के अनुसार जनसंख्या को आधार मानते हुए अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया। इस विधेयक पर अभी राज्यपाल का हस्ताक्षर बाकी है। इस प्रस्ताव पर अनुसूचित जाति के युवा भी नाराज हैं, उनकी मांग पहले की तरह 16 प्रतिशत आरक्षण रखने की है।

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