बिलासपुर। लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों को सरकार के फैसले से उम्मीद जाग उठी है कि उनको अब अपने गांव ले जाने के लिए जल्द ही ट्रेन या बस मिल जायेगी। बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर, कवर्धा आदि जिले के कई मजदूरों से बात करने पर पता चला कि वे एक-एक पल इस इंतजार में काट रहे हैं कि उन्हें वापस ले जाने के लिए ट्रेन बस खड़ी होने की खबर मिल जाये। ये अधिकारियों और नेताओं को बार-बार फोन कर रहे हैं। वे उन्हें फंसे हुए मजदूरों की सूची और वीडियो भेजकर अपनी व्यथा बता रहे हैं।

देहरादून, उत्तराखंड के प्रेमनगर झाझरा इलाके में बिलासपुर जिले के बिल्हा, पौंसरा, जांजगीर जिले के खरौद, कोटमीसोनार तथा कोरबा के कुछ गांवों के करीब डेढ़ सौ लोग लॉकडाउन के बाद से ही फंसे हुए हैं। ये मजदूर तब से अपने गांव लौटने का उपाय सोच रहे हैं पर ट्रेन बस बंद होने के कारण उन्हें रुके रहने के अलावा कोई चारा नहीं है। अब पिछले दो दिन से इन लोगों ने सुना है कि केन्द्र और राज्य सरकारों ने मजदूरों को लाने के लिए ट्रेन,बस चालू करने का आदेश दिया है।

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देहरादून के मजदूरों में से एक अश्वनी धुरी ने बताया कि उनमें से कई लोग हर साल उत्तराखंड, यूपी में काम के लिए आ जाते हैं और बारिश से पहले गांव लौट जाते हैं। कोरोना महामारी के प्रकोप से जैसे ही लॉकडाउन हुआ उनकी मजदूरी छिन गई। वे सभी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के काम में लगे थे, जो बंद हो चुका है। उनके पास अभी खाने के लिए अनाज है लेकिन आगे का कोई ठिकाना नहीं है। जैसे ही पता चला कि गांव लौटने वालों की सूची बनाई जा रही है वे सभी कल प्रेमनगर, देहरादून थाने पहुंचे। वहां थानेदार ने आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ सबकी सूची मांग ली है और कहा है कि जैसे ही ट्रेन या बस जाने का आदेश आएगा, खबर करेंगे। इधर मजदूरों ने गांवों में अपने रिश्तेदारों को भी सूचना दे दी है, जो पंचायत सचिव और सरपंच को उनके फंसे होने की बात पहुंचा रहे हैं। इन लोगों ने बेलतरा विधायक रजनीश सिंह से भी चार दिन पहले बात की थी, जिन्होंने मदद का आश्वासन दिया। हालांकि उन्होंने मजदूरों की सूची नहीं मांगी है। देहरादून में कई मजदूर महिलाओं और बच्चों के साथ हैं, जो ज्यादा परेशान हैं। इन्हें उम्मीद है कि बस दो चार और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

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इसी तरह से गुजरात के वलसाड़ जिले में 250 से ज्यादा मजदूर फंसे हुए हैं। इनमें बिलासपुर, मुंगेली के अलावा कबीरधाम, दुर्ग, राजनांदगांव और मध्यप्रदेश के बालाघाट जिलों के मजदूर हैं। इनमें से एक बंशीलाल पटेल ने बताया कि उन लोगों ने कबीरधाम सांसद संतोष पांडेय से बात की है। गांव में सब लोग अपनी-अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं कि जिला पंचायत में उनके फंसे होने की जानकारी पहुंच जाये और जब यहां से बस या ट्रेन निकले तो उन्हें भी अपने घर जाने का मौका मिल जाये। ये सभी मजदूर यहां की एक कम्पनी अतुल कंस्ट्रक्शन में कॉलोनी बनाने का काम करते हैं जो लॉकडाउन के बाद से रुका हुआ है। अब सब किसी भी तरह से गांव जाना चाहते हैं। साथ में महिलाएं और बच्चे सब परेशान हैं।

दोनों ही जगहों के मजदूरों के पास किसी अधिकारी की ओर से कोई खबर किसी माध्यम से नहीं आई है जिससे पता चले कि उनके जाने की व्यवस्था कब होगी।

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