जर्जर भवनों से खतरे की आशंका को देखते हुए एसडीएम कोर्ट में दर्ज की गई शिकायत
गौरेला पेंड्रा मरवाही। जीपीएम जिले में 59 स्कूल भवन और 18 शौचालय जल्द ही इतिहास बन जाएंगे। नए कानून के तहत इन जर्जर हो चुकी संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि इन खतरनाक हो चुके भवनों को ध्वस्त करने का फैसला किसी भी तरह की अप्रिय घटना या जान-माल की हानि से बचाने के लिए लिया गया है।
भवनों की स्थिति पर विस्तृत जांच और कार्रवाई- मरवाही विकासखंड के अंतर्गत स्थित इन जर्जर शाला भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय शाला विकास समितियों के प्रस्ताव पर लिया गया है। इन समितियों द्वारा किए गए आकलन में पाया गया कि ये भवन मरम्मत योग्य नहीं हैं और इन्हें उपयोग में रखना छात्रों और कर्मचारियों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।
न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी, मरवाही द्वारा इन भवनों को डिस्मेंटल करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस निर्णय के तहत, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, और विकास खंड शिक्षा अधिकारी मरवाही की संयुक्त जांच दल द्वारा किए गए प्रतिवेदन के आधार पर 28 शाला भवन, 18 स्कूल शौचालय और 6 अतिरिक्त कक्ष भवनों को डिस्मेंटल योग्य पाया गया है।
जर्जर भवनों से बचाव और सुरक्षा की पहल- जिले में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, प्रशासन ने इन भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि किसी अप्रिय घटना का खतरा टाला जा सके। डिस्मेंटल के बाद मलबे और अन्य सामग्री का निस्तारण संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, संबंधित शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के बैंक खातों में नियमानुसार राशि जमा की जाएगी, जिससे भविष्य में नए निर्माण कार्यों को प्रोत्साहन मिलेगा।
ध्वस्त किए जाने वाले प्रमुख भवन और शौचालय- इस कार्रवाई के तहत जिन प्रमुख स्कूल भवनों को ध्वस्त किया जाएगा, उनमें माध्यमिक शाला धुम्माटोला, माध्यमिक शाला बरौर, बगरार, कटरा, और कई अन्य शामिल हैं। इसके अलावा, डिस्मेंटल किए जाने वाले शौचालयों में माध्यमिक शाला सिलपहरी, मौहारटोला, कांसबहरा, डोगराटोला-बेलझिरिया, पतेराटोला, ललमटियाटोला, और अन्य शामिल हैं।
नए कानून के तहत कार्रवाई- इस प्रक्रिया के लिए एसडीएम कोर्ट में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है। यह धारा सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लोगों को सुरक्षा प्रदान करती है। इस मामले में इसी कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है।
नये कानून के तहत पहला कदम- जर्जर स्कूल भवनों के कारण होने वाले आशंकित खतरे को टालने के लिए राज्य में नए कानून के तहत पहली बार कदम उठाया गया है। अनुमान है कि इस फैसले से जिले में स्कूल व वहां के शिक्षकों व छात्रों की सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा। इससे भविष्य में सुरक्षित और संरक्षित शैक्षणिक वातावरण का निर्माण संभव हो सकेगा।