बिलासपुर। संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एसएल आदिले ने आज सिम्स मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और वायरोलॉजी सेंटर, कोरोना टेस्ट लैब यहां शुरू करने की संभावनाएं तलाशीं।
डॉ. आदिले ने निरीक्षण के दौरान लैब के लिए भू तल पर लैब स्थापित करने माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णा तथा कोविड -19 की नोडल अधिकारी डॉ. आरती पांडेय से चर्चा की। डॉ. आदिले ने सिम्स ओपीडी और आईपीडी का भी निरीक्षण किया।
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ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण की रायपुर से रिपोर्ट मिलने में देर तथा कोरबा, बिलासपुर, सरगुजा की रिपोर्ट भेजने तथा प्राप्त करने में होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर में कोरोना टेस्ट लैब की मांग चल रही है। इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की जा चुकी है। हाईकोर्ट ने बिलासपुर में लैब खोलने को लेकर शासन के रवैये पर नाराजगी भी जताई है। इसके बाद अब रायगढ़ में कोरोना लैब प्रारंभ हो चुका है। बिलासपुर में एक निजी हॉस्पिटल का चयन इसके लिए किया गया था लेकिन इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने उस पर आपत्ति कर दी थी। इसके बाद सिम्स चिकित्सालय में ही लैब खोलने की दोबारा संभावना तलाशी जा रही है।
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक आईसीएमआर की गाइडलाइन को पूरा करने के लिए राज्य शासन के स्तर पर कई प्रयास करने होंगे। गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना का टैस्टिंग लैब, ओपीडी और वार्ड एक ही स्थान पर होना चाहिये। वर्तमान में जिला चिकित्सालय भवन को संभागीय कोविड-19 अस्पताल के रूप में उन्नत किया जा रहा है। यह लगभग पूरा हो चुका है। जबकि कोरोना ओपीडी फिलहाल सिम्स चिकित्सालय के अधीन है। अब यहीं पर लैब भी स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। लैब, ओपीडी और हॉस्पिटल अलग-अलग स्थानों पर होने के कारण दोनों ही स्थानों पर काम करने वाले स्टाफ को कोरोना के उपचार के लिए तय कठिन प्रक्रियाओं और सावधानियों को अपनाना होगा और दोनों ही स्थानो को संक्रमण मुक्त रखने की व्यवस्था करनी होगी। यह देखना होगा कि अलग-अलग स्थान पर लैब-ओपीडी और हॉस्पिटल रखने के फैसले को आईसीएमआर की मंजूरी मिलेगी या नहीं। इसके अलावा गाइडलाइन के अनुसार कोरोना उपचार की प्रत्येक प्रक्रिया में काम करने वाले स्वास्थ्य अमले का स्थायी होना जरूरी है। इसके लिए पदों की स्वीकृति और नियुक्ति राज्य शासन से ही मंजूर की जा सकेगी, जो फिलहाल मिली नहीं है।
जानकारी के मुताबिक कोरोना लैब स्थापित करने के लिए जरूरी उपकरण, मानव संसाधन और आधारभूत संरचनाओं से सम्बन्धित विस्तृत रिपोर्ट सिम्स व जिला अस्पताल के अधिकारियों ने जिला प्रशासन को सौंप दी है और इसका बजट लगभग करोड़ रुपये का है। डीएमई के आज के दौरे के बाद देखना होगा कि कोरोना लैब स्थापित करने की बाधाएं कब तक दूर होंगीं।













