बिलासपुर। सकरी थाने के अंतर्गत हुए डबल मर्डर की गुत्थी पुलिस ने सुलझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का दो साल से मृतक महिला से प्रेम सम्बन्ध था। महिला की वजह से उसकी सगाई टूट गई थी। महिला के बेटे को उसने सिर्फ इसलिये मार डाला क्योंकि उसने वारदात को होते हुए देख लिया था। आरोपी ने पुलिस को भ्रमित करने के लिए घटना से पहले अपना मोबाइल फोन रायपुर में अपनी बहन के यहां छोड़ दिया था।
सकरी थाना प्रभारी रविन्द्र यादव ने बताया कि हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी के नगर निगम संविदा कर्मचारी रामेश्वर कौशिक ने 5 सितम्बर की शाम को रिपोर्ट लिखाई कि अज्ञात व्यक्ति ने उसकी पत्नी सरिता कौशिक (30 वर्ष) और बेटे अरमान (11 वर्ष) की हत्या कर दी है। घटना पर एफआईआर दर्ज करते हुए तत्काल इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल को दी गई। एएसपी उमेश कश्यप, सीएसपी नरेन्द्र यादव के निर्देश पर उन्होंने एक टीम गठित की और आरोपी की तलाश शुरू की। संदेहियों के काल डिटेल निकालकर साक्ष्य एकत्र किये गये। आरोपी के रायपुर से बिलासपुर आने की सूचना मिलने पर उसका पीछा किया गया। वह पुलिस से बचने के लिये बार-बार अपना लोकेशन बदलता रहा। आखिरकार सकरी बस-स्टैंड पर ही उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। आरोपी लगातार पुलिस को भ्रमित करता रहा कि वह घटना के दिन रायपुर में अपनी बहन के पास था। कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने बताया कि मृतक सरिता से उसका पिछले दो साल से प्रेम सम्बन्ध था। उसके घर वह आना-जाना करता था। पिछले जून में आरोपी की सगाई हो गई थी। मृतक महिला ने होने वाली पत्नी के घर जाकर उसकी सगाई तुड़वा दी। वह बार-बार आरोपी को बर्बाद करने की धमकी देने लगी थी। इससे परेशान होकर उसने उसकी हत्या की योजना बनाई। एक दिन पहले वह एक कुल्हाड़ी लेकर रायपुर गया और अपनी बहन के यहां रुक गया। वहां अपने जीजाजी की बाइक लेकर अगले दिन यह कहकर निकला कि वह मार्केट जा रहा है। वहां से वह सीधे दीनदयाल कॉलोनी, परसदा सकरी पहुंचा और मृतक सरिता से मिलने पहुंचा। इस बीच दरवाजे के पास उसने कुल्हाड़ी को रख दिया। आरोपी ने इस दौरान खूब शराब पी रखी थी। सरिता घर के अंदर टीवी देख रही थी। सगाई तोड़ने की बात पर दोनों के बीच झगड़ा हुआ। इसके बाद आरोपी ने मृतका से पीने के लिये पानी मांगा और दरवाजे के पास रखा कुल्हाड़ी लेकर लौटा। उसने मृतका के सिर पर दो तीन वार किये जिससे वह चीखते हुए पलंग पर गिर गई। उसी दौरान उसका बेटा अरमान दौड़ते हुए भीतर पहुंचा। अरमान दृश्य देखकर बाहर भागने लगा। आरोपी ने उसे खींचकर भीतर घुसा लिया और उसकी भी उसी कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। इसके बाद वह निकलकर सीधे बाइक उठाकर रायपुर लौट गया। रास्ते में उसने बाइपास पर उसने कुल्हाड़ी और अपने खून से सने कपड़े फेंक दिये। रायपुर में वह रातभर रुका रहा। दूसरे दिन वापस आया तो पुलिस ने उसे धर दबोचा। कुल्हाड़ी और कपड़े बरामद कर लिये गये हैं। आरोपी को रिमांड पर भेजा गया है।
वारदात को सुलझाने में उप निरीक्षक शंकर गिरी गोस्वामी, एएसआई ओपी परिहार, अशोक चौरसिया, हेमन्त आदित्य, प्रधान आरक्षक पंकज राय, आरक्षक विरेन्द्र साहू शैलेन्द्र साहू, सुनील पटेल और अभिजीत डाहिरे की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here